आगरा में विकास प्राधिकरण में फैला भ्रष्टाचार का जाल : 3.54 करोड़ की दीवार एक बारिश में ढही, वीसी बोलीं- कराएंगे जांच

3.54 करोड़ की दीवार एक बारिश में ढही, वीसी बोलीं- कराएंगे जांच
UPT | आगरा विकास प्राधिकरण

Nov 30, 2024 22:19

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं, तो वहीं आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारी सरकार की नीतियों के खिलाफ जाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे...

Nov 30, 2024 22:19

Agra News :  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं, लेकिन आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अधिकारी सरकार की नीतियों को दरकिनार करते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। एडीए के इंजीनियरों पर आरोप है कि वे जनता के टैक्स की गाढ़ी कमाई को बर्बाद करने में पूरी तरह से लिप्त हैं। उनका ध्यान केवल कमिशनखोरी पर है, जिससे विकास कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

एक बारिश भी नहीं झेल सकी दीवार
जानकारी के अनुसार,  एडीए के इंजीनियरों ने तीन साल पहले एक निर्माण कार्य किया था, जिसमें 3.54 करोड़ की लागत से बाउंड्रीवाल का निर्माण किया गया। लेकिन यह दीवार एक भी बारिश का सामना नहीं कर पाई और गिर गई। इसके बावजूद, फिर से उसी ठेकेदार फर्म को करोड़ों के टेंडर दिए जा रहे हैं।  एडीए के इंजीनियर मौके पर जाकर निर्माण कार्य का निरीक्षण नहीं करते, जिससे निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।


भगवती कंस्ट्रक्शन पर बड़े घोटाले का आरोप
2020-21 में ताजगंज मोक्षधाम में एडीए ने 100 मीटर की दीवार का निर्माण और सौंदर्यकरण का काम करवाया था। इस काम का ठेका भगवती कंस्ट्रक्शन के अजीज उसमानी को दिया गया था। एडीए ने इसके लिए 3.54 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, लेकिन बारिश में दीवार ताश के पत्तों की तरह ढह गई। इसके बावजूद एडीए ने ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे और अधिक टेंडर दिए जा रहे हैं। इस मामले में एडीए की उपाध्यक्ष एम अरुनमौली ने जांच की बात कही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

निर्माण सामिग्री की गुणवत्ता बेहद खराब
फ्रैंड गार्डन में भी घटिया निर्माण कार्य हो रहा है। नेशनल हाईवे पर सिनर्जी प्लस हॉस्पिटल के पास 110 मीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है, जिसका काम भी भगवती बिल्डर की फर्म कर रही है। यहां भी निर्माण सामिग्री की गुणवत्ता बेहद खराब है और प्राधिकरण के अभियंता साइट का निरीक्षण करने तक नहीं पहुंचते। पीली ईंटों का इस्तेमाल और बालू की बजाय डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है।

फर्जी प्रमाणपत्र दिखाकर लिया टेंडर
इसके अलावा, यह भी चर्चा में है कि भगवती कंस्ट्रक्शन ने बांदा का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके एक और टेंडर हथिया लिया है। एडीए के इंजीनियर केवल कमीशन के चक्कर में होते हैं और वे ठेकेदारों के दस्तावेजों की जांच नहीं करते। खबर है कि इस ठेकेदार ने 4 करोड़ के काम का फर्जी प्रमाण पत्र देकर 7 करोड़ का टेंडर हासिल किया है। इस खेल में एक बाबू और अवर अभियंता का संरक्षण भी बताया जा रहा है, जो लंबे समय से अपनी कुर्सी पर जमे हुए हैं।

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