आगरा में सुरक्षा की नई पहल : थाना स्तर पर महिला सिपाही करेंगी बीट पुलिसिंग, एप पर देंगी सारी जानकारी

थाना स्तर पर महिला सिपाही करेंगी बीट पुलिसिंग, एप पर देंगी सारी जानकारी
UPT | Agra

Sep 26, 2024 12:05

इन अधिकारियों को अपनी निर्धारित बीट पर जाकर एप के माध्यम से डेटा भरना होगा, जिससे उनकी वास्तविक लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी। संबंधित सर्किल के लिंक एसीपी इन कार्यों का निरीक्षण करेंगे...

Sep 26, 2024 12:05

Short Highlights
  • महिला पुलिस बीट अधिकारियों के लिए नया निर्देश जारी
  • अब थाने में बैठकर सत्यापन कार्य करने की अनुमति नहीं होगी
  • अपनी निर्धारित बीट पर जाकर डेटा भरना होगा
Agra News : यूपी के आगरा में महिला पुलिस बीट अधिकारियों के लिए नया निर्देश जारी किया गया है, जिसके तहत उन्हें अब थाने में बैठकर सत्यापन कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। इन अधिकारियों को अपनी निर्धारित बीट पर जाकर एप के माध्यम से डेटा भरना होगा, जिससे उनकी वास्तविक लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी। संबंधित सर्किल के लिंक एसीपी इन कार्यों का निरीक्षण करेंगे और अगर लापरवाही पाई गई, तो कार्रवाई की जाएगी।

बीट पुलिसिंग के लिए महिला सिपाही तैनात
डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बताया कि महिला सिपाहियों को बीट पुलिसिंग के लिए थाने स्तर पर तैनात किया गया है। ये पुलिसकर्मी अपनी बीट में जाकर अपराधियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करती हैं और पीड़ित महिलाओं की काउंसिलिंग का कार्य भी करती हैं। पीड़िताओं की शिकायतें रजिस्टर में दर्ज की जाएंगी ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।



एप पर देनी होगी जानकारी
महिला बीट पुलिस के लिए एक विशेष एप विकसित किया गया है, जिसे थाना पर नियुक्त निरीक्षक अपराध और एसएसआई के निर्देशन में लागू किया गया है। यह एप पुलिसकर्मियों के मोबाइल में डाउनलोड किया गया है, ताकि वे अपने कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से निभा सकें। जब महिला सिपाही अपनी बीट पर जाएंगी, तो वे एप का उपयोग करके सत्यापन कार्य करेंगी। इस दौरान वे फोटो भी अपलोड करेंगी और थाने में रजिस्टर में अपनी बीट से संबंधित कार्यों की जानकारी दर्ज करेंगी। हर बीट में दूसरे सर्किल के एसीपी इन कार्यों की नियमित रूप से निगरानी करेंगे।

क्या है बीट पुलिस 
पुलिस बीट उस क्षेत्र को कहा जाता है जिसे थाना इलाके में घनी आबादी की वजह से छोटे हिस्सों में बांटा जाता है। इन छोटे हिस्सों का उद्देश्य आम जनता में सुरक्षा का भाव बनाए रखना, अपराध को रोकना और कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करना होता है। बीट प्रणाली से पुलिस को यह सुविधा मिलती है कि वे विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अधिक सक्रिय रूप से काम कर सकें जहां अपराध की आशंका अधिक होती है।

बीट कांस्टेबल की भूमिका
बीट प्रणाली के अंतर्गत प्रत्येक बीट की जिम्मेदारी एक हेड कांस्टेबल को सौंपी जाती है। यह हेड कांस्टेबल अपने बीट के अपराधियों, वांछित लोगों और हिस्ट्रीशीटरों की जानकारी रखता है। इसके अलावा, वह स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों और समुदाय के अन्य सदस्यों की जानकारी भी इकट्ठा करता है। त्योहारों और विशेष अवसरों पर, वह सुरक्षा संबंधी डेटा एकत्रित कर इसे बीट प्रभारी और थाना प्रभारी के साथ साझा करता है।

क्या है बीट बुक
हर पुलिस बीट के साथ एक बीट बुक जुड़ी होती है, जिसमें उस बीट का नक्शा, महत्वपूर्ण इमारतें, सड़कें, बैंक, एटीएम, सरकारी दफ्तर और होटल जैसे विवरण दर्ज होते हैं। इस बुक में विशेष रूप से उन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के निवास स्थान और अपराधियों की जानकारी भी शामिल होती है। यह दस्तावेज पुलिस अधिकारियों को अपने कार्य में सहायक होता है और उन्हें क्षेत्र की बेहतर समझ प्रदान करता है।

डिवीजन और उसके इंचार्ज
बता दें कि एक थाने की दो या तीन बीट को मिलाकर एक डिवीजन का गठन किया जाता है। इस डिवीजन का इंचार्ज सहायक उप निरीक्षक या उप निरीक्षक होता है, जो अपने क्षेत्र की बीट ड्यूटी की निगरानी और जांच करता है। डिवीजन इंचार्ज खुद भी पेट्रोलिंग करके क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति का मूल्यांकन करता है, ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।

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