उत्तर प्रदेश भर्ती परीक्षा को लेकर पूरे देश में चर्चा है। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर हजारों अभ्यर्थी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। पुलिस भर्ती परीक्षा में...
Agra News : उत्तर प्रदेश भर्ती परीक्षा को लेकर पूरे देश में चर्चा है। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर हजारों अभ्यर्थी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। पुलिस भर्ती परीक्षा में फजीहत होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी बागडोर अपने हाथों में ले ली और इस परीक्षा को निष्पक्ष आयोजित करने के लिए अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। इस बार आयोजित की जा रही पुलिस भर्ती परीक्षा में पुलिस प्रशासन में चप्पे-चप्पे पर नजर तो रखी ही है। इसके साथ ही लोकल इंटेलिजेंस के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों की नजर से परीक्षा आयोजित नहीं कराई जा रही बल्कि इस परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के चलते ही आगरा में एक मुन्ना भाई दबोचा गया है।
मेहनत पर फिरा पानी
बताया जा रहा है कि पहली बार पुलिस भर्ती परीक्षा में फेल होने वाले सादाबाद जनपद हाथरस के विवेक कुमार ने अपनी उम्र अधिक होने के चलते फर्जीवाड़ा कर डाला। उसने वर्दी की चाहत में उम्र ही नहीं बदली बल्कि अपना नाम तक बदल डाला। इसके लिए विवेक को बहुत लंबी चौड़ी कसरत करनी पड़ी। इस सबके लिए नया आधार कार्ड बनवाया, हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा भी पुनः दी गई। विवेक तो लगभग अपने मंसूबों में कामयाब होने ही वाला था। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उसकी इतनी मेहनत पर पानी फेर दिया। इसका कारण बना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उपयोग में लाई जा रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। इस बार फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आई द्वारा अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग हेतु आंखों के रेटिना और बायोमेट्रिक से फर्जी अभ्यार्थियों के फर्जीवाड़े की दाल नहीं गल रही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इसी उपयोग से आगरा में एक फर्जी अभ्यर्थी को आगरा पुलिस में दबोच लिया। अभ्यर्थी का फर्जीवाड़ा सामने आते ही उसने खुद व खुद तोते की तरह उसने फर्जी आवेदन का सच उगल दिया।
2018 में पुलिस भर्ती की दी थी परीक्षा
बताया जा रहा है कि गांव विधिपुरा निवासी विवेक की जन्मतिथि पहले आधार कार्ड में 5 जुलाई 1995 दर्शायी हुई थी। उसने वर्ष 2011 में बिसावर, सादाबाद के एचपी इंटर काॅलेज से मेट्रिक और वर्ष 2014 में रोशनलाल इंटर काॅलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। वर्ष 2018 में भी उसने उत्तर प्रदेश की पुलिस भर्ती परीक्षा दी। मगर, चयनित नहीं हो सका। उम्र बढ़ने के कारण परीक्षा नहीं दे सकता था। मगर, उसके मन में वर्दी की चाहत कुछ अत्यधिक थी। अपने बदन पर वर्दी की चाहत को पूरा करने के उसने गलत रास्ता अख्तियार कर लिया।
सेना में जाने का सपना अधूरा ही रह गया
बताया जा रहा है कि उसने अपना नाम विवेक से विमल पुत्र भूरी सिंह कर लिया। इसी नाम से दूसरा आधार कार्ड भी बनवा लिया। जन्मतिथि में भी बदलाव कर उसे 5 दिसंबर 2001 कर दिया गया। इससे उसकी उम्र 6 साल कम 23 साल हो गई। वह वर्तमान में 29 साल का है। उसने वर्ष 2018 में हाईस्कूल की परीक्षा दिया, जनपद मथुरा के जेबीआईसी इंटर काॅलेज में दी थी। आरोपी ने वर्ष 2020 में 12वीं की परीक्षा दी थी, लेकिन फेल होने से सेना में जाने का सपना अधूरा ही रह गया। वर्ष 2021 उसने इंटरमीडिएट भी पास कर लिया। पहली बार पुलिस भर्ती परीक्षा में उसका बायेमेट्रिक हुआ था। आधार कार्ड लगाया गया था। शुक्रवार को वह परीक्षा देने आया था। प्रवेश पत्र से प्रवेश मिल गया। बायोमेट्रिक में आधार कार्ड का सत्यापन भी हो गया।
वह वर्दी पहनना चाहता था
परीक्षा कक्ष में पहुंचने पर टेबलेट से फोटो खींचा गया। इसमें एआई की मदद से सत्यापन किया गया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पूर्व में बने आधार की पहचान कर ली। जब सामने डाटा आया तो उसमें एक फिंगरप्रिंट पर विवेक और विमल नाम से आधार कार्ड बने हुए थे। शक होने पर परीक्षार्थी से पुलिस ने जब कड़ाई के साथ पूछताछ की तब परीक्षार्थी ने सारी हकीकत तोते की तरह बता दी। उसका कहना था कि वह वर्दी पहनना चाहता था। इसलिए इतनी सारी कवायदें करनी पड़ी। मगर, उसे पता नहीं था कि पकड़ लिया जाएगा। पहला वाला आधार कार्ड निरस्त न होने के कारण विवेक पुलिस के हत्थे चढ़ा।
डीसीपी हेड क्वार्टर सैय्यद अली अब्बास ने मीडिया को बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा में इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई ) का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत परीक्षा देने वाले सभी अभ्यर्थियों के संभावित चेहरे एआई की मदद से तैयार किए गए थे। आवेदन करते समय कोई बिना मूंछ और दाढ़ी के था या फिर बाल लंबे थे या फिर चेहरा पतला था? एआई ने वर्तमान में परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों के संभावित चेहरे बनाकर मिलान किया। इसके साथ ही आधार कार्ड, चालक लाइसेंस आदि सहित बायोमेट्रिक डेटाबेस की मदद से इन सभी का मिलान किया गया। जिनका मिलान संभव नहीं हो सका। उनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विवेक कुमार की भी पहचान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से की गई और वह पकड़ा गया। विवेक के खिलाफ थाना शाहगंज में धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अब भविष्य में विवेक कभी भी कोई भी पुलिस की परीक्षा नहीं दे सकेगा।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में आगरा के 27 केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा आयोजित की गईं। दोनों पालियों में कुल 23520 अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी, लेकिन इनमें से 8322 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। कुल 15198 अभ्यर्थियों ने आगरा में परीक्षा दी है।
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