ताज नगरी में साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। भारत सरकार और राज्य सरकार के साथ-साथ आगरा पुलिस लगातार लोगों को डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के प्रति जागरूक करती दिखाई दे रही है, बावजूद इसके आगरा में ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। आगरा के एक किसान के साथ भी फ्रॉड हो गया।
साइबर फ्रॉड के शिकार किसान के समर्थन में धरने पर बैठे भाकियू कार्यकर्ता : बैंक से 6 लाख की ठगी, किसान यूनियन ने दी ये चेतावनी
Oct 09, 2024 22:08
Oct 09, 2024 22:08
आगरा के बमरौली कटारा इलाके के रहने वाले किसान राम अवतार, जिनकी ज़मीन डिफेंस कॉरिडोर के तहत अधिग्रहित की गई थी, के खाते में सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में बड़ी रकम जमा की गई थी। साइबर ठगों को इसकी जानकारी मिल गई और उन्होंने इस भोले-भाले किसान के खाते से ₹6 लाख की रकम तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी।
पीड़ित किसान राम अवतार को जब अपने खाते से इतनी बड़ी रकम गायब होने की जानकारी मिली, तो उनके होश उड़ गए। राम अवतार की मेहनत की कमाई बैंक से गायब हो जाने के बाद अब भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) उनके समर्थन में सामने आई है और न्याय की मांग कर रही है। किसान यूनियन के नेताओं ने यह साफ कर दिया है कि जब तक पीड़ित किसान के खाते में चोरी हुए ₹6 लाख वापस नहीं आ जाते, तब तक वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
भारतीय किसान यूनियन का बैंक पर धरना
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने राम अवतार के समर्थन में पंजाब नेशनल बैंक, गोबर चौकी, ताजगंज शाखा पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। राम अवतार सिंह जसावत, जो भाकियू के जिला कार्यकारिणी सदस्य हैं, के खाते से साइबर अपराधियों द्वारा निकाले गए 6 लाख रुपये को लेकर यूनियन के सदस्य आक्रोशित हैं। बैंक प्रशासन की निष्क्रियता और इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने से किसान यूनियन के सदस्यों में नाराजगी फैल गई है। इसके परिणामस्वरूप बैंक की तालाबंदी कर किसानों ने धरना शुरू कर दिया। धरने में बड़ी संख्या में भाकियू के कार्यकर्ता, महिलाएं, बच्चे और राम अवतार के परिवार के सदस्य मौजूद रहे। भाकियू के जिला अध्यक्ष राजवीर लवानियां ने आरोप लगाया कि बैंक प्रशासन इस मामले में सहयोग नहीं कर रहा है और अगर जल्दी से जल्दी पीड़ित किसान को पैसा वापस नहीं मिला, तो वे रोड जाम कर देंगे।
बैंक प्रशासन का आश्वासन
धरने के बीच बैंक प्रशासन में हड़कंप मच गया और मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक के एरिया मैनेजर अनिल अहलूवालिया मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि सोमवार तक मामले की जांच पूरी कर ली जाएगी और ठगी गई राशि वापस कर दी जाएगी। हालांकि, भाकियू के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि अगर निर्धारित समय तक रकम वापस नहीं मिली, तो 21 अक्टूबर को सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ बैंक पर ट्रैक्टर मार्च किया जाएगा और बैंक को अनिश्चितकालीन समय के लिए घेर लिया जाएगा।
आंदोलन की चेतावनी
भाकियू के जिला अध्यक्ष राजवीर लवानियां ने कहा, "किसानों ने शेर को छेड़ा है, और अब हम अपने दम पर पैसा वापस लेकर रहेंगे।" यह बयान किसानों के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है कि वे अपने साथी किसान के साथ हुए अन्याय को सहन नहीं करेंगे और अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे।
इस धरने में भाकियू के मंडल उपाध्यक्ष तांतीराम जादौन, जिला प्रवक्ता नत्थू सिंह धाकरे, जिला महासचिव कृपाल सिंह फौजदार, जिला संगठन मंत्री बनवारी लाल तोमर, तहसील अध्यक्ष रणजीत सिंह यादव, युवा प्रकोष्ठ के सौरभ यादव, ब्लॉक अध्यक्ष शमसाबाद रंजीत सिंह रघुवंशी, ब्लॉक अध्यक्ष बरौली अहीर महाराज सिंह जसावत, योगेंद्र राजपूत, सतीश तोमर समेत सैकड़ों किसान और ग्रामीण मौजूद रहे। किसान यूनियन की इस एकजुटता और आंदोलन की चेतावनी से प्रशासन और बैंक पर दबाव बढ़ गया है, और देखना होगा कि बैंक प्रशासन कितना जल्दी और सही तरीके से इस समस्या का समाधान कर पाता है।
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