आगरा पहुंचे गोवर्धन के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी अधोक्षजानंद जी ने राम मंदिर पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, आखिर कोई शंकराचार्य भगवान श्रीराम के कार्य में क्यों अड़ंगा डालेगा। प्रभु श्रीराम स्वयं धर्म हैं। अगर धर्म है तो धर्माचार्य हैं। प्रभु श्री राम स्वयं धर्म की मूर्ति हैं। प्रभु श्री राम भारत की पहचान हैं, भारत की शान हैं। इसलिए कोई भी धर्मगुरु राम मंदिर का विरोध नहीं कर सकता।
Agra News : कोई भी धर्मगुरु राम मंदिर का विरोध नहीं कर सकता... रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर बोले जगद्गुरु स्वामी अधोक्षजानंद
Jan 18, 2024 13:53
Jan 18, 2024 13:53
- श्री राम भारत की पहचान हैं,भारत की शान हैं
- प्रभु श्री राम सभी के हैं और सभी प्रभु श्री राम के हैं
- प्रभु श्री राम स्वयं धर्म हैं, धर्म है तो धर्माचार्य हैं
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नए युग की शुरुआत
आगरा पहुंचे गोवर्धन के पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद जी का कहना अयोध्या में हो रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नए युग की शुरुआत है। इस दौरान मीडिया ने जगद्गुरु से किया सवाल प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या जाने के लिए चारों शंकराचार्य ने किया इंकार तो क्या आप अयोध्या जाएंगे।
शंकराचार्य में कोई मतभेद नहीं
राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शंकराचार्यो द्वारा विरोध करने मामले में कहा कि चारों शंकराचार्य में कोई मतभेद नहीं है और न हीं कोई शंकराचार्य राम मंदिर मामले में कोई टिप्पणी कर रहा है। जगद्गुरु का कहना है कि यह खबर झूठी है। यह ख़बरें, अफवाहें सोशल मीडिया पर उन असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही हैं जो नकारात्मक भूमिका के लोग हैं। यह सब शरारती तत्वों का काम है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में द्वारका शंकराचार्य, श्रृंगेरी मठ शंकराचार्य, गोवर्धन मठ शंकराचार्य की तरफ से पत्र जारी कर स्पष्टीकरण दिया जा चुका है। अब इस मामले में कोई कंफ्यूजन नहीं है। इस महा उत्सव को लेकर पूरा देश खुश है।
सभी शंकराचार्य वहां जाएंगें और महा उत्सव मनाएंगे
जगद्गुरु स्वामी अधोक्षजानंद जी ने कहा कि प्रभु श्री राम सभी के हैं और सभी प्रभु श्री राम के हैं। वहां सभी शंकराचार्य जाएंगें। कुछ 22 को जाएंगे, जो 22 को नहीं जा पाएंगे, वह बाद में जाएंगे। जो जहां हैं, वहीं महा उत्सव मनाएंगे। उन्होंने कहा कि चार शंकराचार्य होते हैं, जिनमें से अयोध्या मामले में तीन शंकराचार्य द्वारा पत्र जारी कर स्पष्टीकरण दिया जा चुका है। एक शंकराचार्य तीर्थ क्षेत्र में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि यह खबरें कहां से आ रही हैं, किन तत्वों के माध्यम से आ रही हैं, समय आने पर संज्ञान लिया जाएगा।
22 जनवरी वह पल होगा, जब भगवान अपने मंदिर में विराजमान होंगे। आज पूरा देश अयोध्या का रुख कर रहा है। सभी को इस आयोजन पर अयोध्या का रुख करना चाहिए।- स्वामी अधोक्षजानंद
प्रभु श्रीराम स्वयं धर्म हैं
स्वामी अधोक्षजानंद जी ने कहा कि आखिर कोई शंकराचार्य भगवान श्रीराम के कार्य में क्यों अड़ंगा डालेगा। प्रभु श्रीराम स्वयं धर्म हैं। अगर धर्म है तो धर्माचार्य हैं। प्रभु श्री राम स्वयं धर्म की मूर्ति हैं। प्रभु श्री राम भारत की पहचान हैं,भारत की शान हैं। इसलिए कोई भी धर्मगुरु राम मंदिर का विरोध नहीं कर सकता।
भारतीय संस्कृति की अलख जाग गई
जगद्गुरु अधेक्षाजानंद जी ने कहा कि मैं 2021 से 12 ज्योतिर्लिंग और 52 शक्ति पीठ पूजा के लिए भारत भ्रमण पर निकला हूं। इस दौरान सभी राज्यों में जाना हुआ है। सभी राज्यों के साथ-साथ भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया और नेपाल में भ्रमण कर भारतीय संस्कृति की अलख जाग गई है। प्राचीन अखंड भारत में 18 राष्ट्र आते हैं, जो अलग हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जगह-जगह जाएंगे और संस्कृति एवं धार्मिक अलख जगायेंगे। इस अभियान में सभी को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि सभी को जोड़ा जाएगा, जिससे सांस्कृतिक एकता कायम होगी तो राजनीतिक एकता के भी रास्ते निकलेंगे।
Also Read
11 Jan 2025 10:23 PM
नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर बकायेदारों के खिलाफ अभियान चला कर सख्त कार्रवाई की जा रही है। नगर निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी टैक्स वसूली को... और पढ़ें