धर्मस्थलों के विवाद पर बोले केके मोहम्मद : हिंदुओं को सौंप दें काशी-मथुरा, मुसलमान बड़ा दिल दिखाएं

हिंदुओं को सौंप दें काशी-मथुरा, मुसलमान बड़ा दिल दिखाएं
UPT | धर्मस्थलों के विवाद पर बोले केके मोहम्मद

Sep 27, 2024 14:00

काशी-मथुरा विवाद पर केके मोहम्मद ने कहा है कि इन स्थलों को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए...

Sep 27, 2024 14:00

Mathura News : काशी-मथुरा विवाद पर अयोध्या के विवादित ढांचे की खुदाई करने वाले ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर केके मोहम्मद का बड़ा बयान सामने आया है। केके मोहम्मद ने कहा कि हिंदुस्तान अगर आज बड़ा सेक्युलर देश है तो वह हिंदुओं के बहुमत के कारण है। अगर देश में मुस्लमान मेजॉरिटी पर होते तो हिंदुस्तान कभी सेक्युलर देश नहीं बन पाता। पुरातत्व विद केके मोहम्मद का यह बयान अपने आप में बहुत कुछ कह रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को यहां बड़ा दिल दिखाना चाहिए और काशी-मथुरा हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। इस बयान पर अयोध्या के महंत राजू दास ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

'मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बनाया'
पुरातत्वविद ने कहा कि मुसलमानों को बड़ा दिल दिखाने की आवश्यकता है और हिंदुओं की आस्था के प्रतीकों पर अपने दावे छोड़ देने चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की धर्मनिरपेक्षता का आधार इसकी बहुसंख्यक हिंदू आबादी है। यदि मुसलमान यहां बहुसंख्यक होते तो देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखना कठिन हो जाता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आजादी के बाद मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बनाया गया, जबकि हिंदुओं को भारत मिला और इसे हिंदू देश न बनाने के लिए हमें आभार व्यक्त करना चाहिए।



क्या बोले अयोध्या के महंत राजू दास?
अयोध्या के महंत राजू दास ने पुरातत्वविद केके मोहम्मद के बयान पर कहा कि उनसे इस मुद्दे पर किसी ने सलाह नहीं मांगी है। उनसे भारत ने या हिंदू पक्ष या मुस्लिम पक्ष किसी में सलाह नहीं मांगी। भारत बुद्धिस्ट देश है। यहां पर बुद्ध धर्म की बात होनी चाहिए। वहीं केके मोहम्मद के बयान पर ज्ञानवापी मामले में मंदिर पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि यह बयान स्वागत योग्य है। अयोध्या में साधु-संतों ने भी केके मोहम्मद के इस बयान का समर्थन किया है।

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद रही अहम भूमिका
केके मोहम्मद ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आर्कियोलॉजिकल सर्वे के दौरान, उन्हें बाबरी मस्जिद के पश्चिमी हिस्से में 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच गुर्जर-प्रतिहार राजवंश द्वारा बनाए गए एक मंदिर के अवशेष मिले थे। उन्होंने सुझाव दिया है कि मुसलमानों को ज्ञानवापी और शाही ईदगाह मस्जिदों को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए।

कौन हैं केके मोहम्मद
केरल के कालीकट में पैदा हुए केके मोहम्मद को पुरातत्व सर्वेक्षण के मामले में काफी सम्मान प्राप्त है। केके मोहम्मद 2012 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नॉर्थ जोन के क्षेत्रीय निदेशक के पद से रिटायर हुए। वह 1976 में बीबी लाल की टीम का हिस्सा थे, जिसने बाबरी मस्जिद की खुदाई की थी। मोहम्मद का मानना है कि ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह को हिंदुओं को सौंपना इस विवाद का एकमात्र समाधान है।

चर्चा में आए केके मोहम्मद
वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी विवाद लगातार गरमाया हुआ है, जबकि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद का मामला भी चर्चा में है। दोनों मामलों की सुनवाई कोर्ट में जारी है और ज्ञानवापी के सर्वे का मुद्दा हाल में काफी चर्चा का विषय रहा है। इसके अलावा, शाही ईदगाह से जुड़े मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने की योजना है। इस बीच, केके मोहम्मद के बयान ने भी ध्यान आकर्षित किया है।

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