फरह के परखम में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से आए संघ के 46 प्रांतों के 393 पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।
आरएसएस अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक : मोहन भागवत ने संगठन का भविष्य का विजन साझा किया
Oct 25, 2024 17:34
Oct 25, 2024 17:34
दो दिवसीय बैठक में आगे की योजनाओं पर मंथन
यह बैठक शुक्रवार और शनिवार को दो दिनों तक चली, जिसमें आरएसएस के नौ बिंदुओं के एजेंडे को देशभर में पहुंचाने की योजना पर विचार-विमर्श किया गया। संघ के पदाधिकारी पिछले पांच दिनों से इन बिंदुओं पर लगातार चर्चा कर रहे थे, और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विभिन्न टोलियों के साथ बैठकों में भाग लेकर इस पर विचार साझा किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी एक वर्ष के लिए कार्ययोजना तैयार करना और लक्ष्य तय करना था।
नौ बिंदुओं पर आधारित विस्तृत एजेंडा तैयार
बैठक में संघ के नौ अहम बिंदुओं पर आधारित एजेंडा तैयार किया गया है। इस एजेंडे को कार्यान्वित करने के लिए संघ के नौ प्रमुख पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्हें संघ के "नवरत्न" का नाम दिया गया है, जो इस एजेंडे को देशभर में लागू करने का काम करेंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इन पदाधिकारियों के साथ बैठकर पूरे एजेंडे पर विस्तार से चर्चा की, जिससे संघ की नीतियों को जमीन पर उतारा जा सके।
हर गांव तक पहुंचने की रणनीति
आरएसएस ने इस बैठक में अपनी दूरगामी योजनाओं का खाका तैयार किया है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से देश के हर गांव में अपनी पहुंच बनाना है। संघ प्रमुख ने स्पष्ट रूप से कहा कि आरएसएस की शाखाएं हर गांव में होनी चाहिए, जिसमें मुस्लिम गांवों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। यहां पर भी गणवेशधारी स्वयंसेवकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की योजना है। इस योजना के तहत पहले पांच दिनों में गहन मंथन हुआ, जिसमें संघ की नीतियों और उद्देश्यों को अंतिम रूप दिया गया।
नवरत्नों की जिम्मेदारी
संघ के इस महत्वपूर्ण एजेंडे को लागू करने के लिए जिन नौ प्रमुख पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, उनमें सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, केसी मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार, अतुल लिमये, विशेष आमंत्रित सदस्य भैयाजी जोशी और संपर्क प्रमुख रामलाल शामिल हैं। इन पदाधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे संघ के विस्तृत कार्य को देशभर में प्रभावी ढंग से लागू करें और संघ के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समर्पित रहें।
इस बैठक ने संघ की आगामी दिशा और उसके कार्यों की रूपरेखा तैयार की है, जिससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने उद्देश्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से जमीन पर उतार सके।
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