यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों का सिलसिला जारी : 12 साल में 1320 की मौत, 7425 हादसे

12 साल में 1320 की मौत, 7425 हादसे
UPT | एक्सप्रेसवे फोटो

Nov 29, 2024 17:44

ताज नगरी आगरा और नोएडा को जोड़ने वाला यमुना एक्सप्रेसवे हर साल हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे 165 किलोमीटर लंबा है...

Nov 29, 2024 17:44

Mathura News : ताज नगरी आगरा और नोएडा को जोड़ने वाला यमुना एक्सप्रेसवे हर साल हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे 165 किलोमीटर लंबा है, और यहां होने वाले हादसों से हर कोई चिंतित है, क्योंकि इन हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और किसी न किसी को जिंदगी भर का दर्द दे जाते हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे पर 12 साल में 1320 मौतें, 7425 हादसे
सार्वजनिक सूचना के तहत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पिछले 12 वर्षों में यमुना एक्सप्रेसवे पर 1320 लोगों की मौत हो चुकी है और 7425 हादसे हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश हादसों का कारण वाहन चालकों की नींद की झपकी और तेज रफ्तार रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में एक्सप्रेसवे पर 311 हादसे हुए थे, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 411 हो गई। 2023 में कुल 725 लोग घायल हुए थे, जबकि 2022 में घायलों की संख्या 621 थी।



2023 में हादसों में वृद्धि
यमुना एक्सप्रेसवे पर 2012 से 2023 तक कुल 7625 हादसे हुए हैं, जिनमें से 3364 हादसे वाहन चालकों की नींद की झपकी के कारण हुए। तेज रफ्तार के कारण 1304 हादसे हुए। इस दौरान 1320 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें से 522 लोग सिर्फ नींद की झपकी के कारण मारे गए। इसके अलावा, 11160 लोग विभिन्न हादसों में घायल हुए हैं, जिनमें 4181 लोग नींद की झपकी के कारण घायल हुए।

नींद की झपकी सबसे बड़ी वजह
यमुना एक्सप्रेसवे ऑथोरिटी द्वारा हादसों को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए गए हैं, और ओवर स्पीडिंग के लिए चालान का प्रावधान किया गया है। हालांकि, ये प्रयास काफी कम साबित हो रहे हैं, क्योंकि हादसों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। 2024 में भी हादसों की संख्या में इजाफा हुआ है।

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