Agra News : चार बीघा जमीन मामले में पुलिस आयुक्त आए सामने, कहा-किसी को बख्शा नहीं जाएगा

चार बीघा जमीन मामले में पुलिस आयुक्त आए सामने, कहा-किसी को बख्शा नहीं जाएगा
Uttar Pradesh times | मीडिया से मुखातिब हुए पुलिस आयुक्त

Jan 07, 2024 17:54

चार बीघा जमीन मामले में पुलिस महकमे की फजीहत होने के बाद आयुक्त सामने आए। रविवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि पुलिसकर्मी हों या भू-माफिया किसी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस आयुक्त ने कहा कि अभी तक जहां भी पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई है, वहां पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिले के किसी भी भू-माफिया या किसी अन्य ने गरीब की जमीन पर कब्जा किया तो कोई कितना भी ताकतवर क्यों न हो, बचेगा नहीं।

Jan 07, 2024 17:54

Short Highlights
  • जहां भी पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई, वहां कार्रवाई की गई -पुलिस आयुक्त
  • गरीब की जमीन पर कब्जा किया तो कोई भी, कितना भी ताकतवर क्यों न हो, बचेगा नहीं  
Agra News (प्रदीप रावत) : पुलिस कमिश्नरी के अधिकारी हर बार एक ही दावा करते रहे हैं कि जनपद में अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,जब भी कोई जिले में अपराध होता है पुलिस एक ही बात कहती है कि जल्द ही अपराधी पकड़े और दबोचे जाएंगे। आगरा पुलिस उनको दबोच कर सलाखों के पीछे भेजने का काम भी करती है। पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिन्दर सिंह हों या डीसीपी सिटी सूरज राय या कोई अन्य पुलिस अधिकारी, उन्होंने सदैव यही कहा है कि किसी भी पीड़ित के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। यही नहीं अगर पुलिस की संलिप्त कहीं दिखाई या पाई जाती है तो घटना में संलिप्त अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके आगरा पुलिस कमिश्नरी के पुलिसकर्मी और अधिकारी अपराध की घटनाओं में संलिप्त तो रहते ही हैं इसके साथ ही अपराधियों को शह देने का भी काम करते हैं। इस बात को जगदीशपुरा की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है। पुलिस आयुक्त डॉ.प्रीतिंदर सिंह ने यह कह कर साबित कर दिया है कि आगरा में जहां भी ऐसे मामले देखने को मिले हैं जिसमें पुलिस की संलिप्तता रही है, वहां उनके खिलाफ कठोर एवं विभाग की कार्रवाई की गई है। पुलिस आयुक्त प्रीतिंदर सिंह मानते हैं कि पुलिस कर्मी आपराधिक घटनाओं में संलिप्त रहते हैं। जगदीशपुर कांड में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता पाए जाने और विभाग की किरकिरी होने के बाद पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिन्दर सिंह को मीडिया के सामने आना ही पड़ा।

मीडिया से मुखातिब हुए पुलिस आयुक्त
पुलिस लाइन में पुलिस आयुक्त डॉ.प्रीतिंदर सिंह जगदीशपुर कांड में फजीहत होने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि बोदला रोड पर चार बीघा जमीन कब्जाने के लिए फर्जी मुकदमा दर्ज कर दो परिवार को जेल भेजने वाले तत्कालीन थाना जगदीशपुरा के एसओ​ जितेंद्र कुमार, प्रॉपर्टी डीलर खंदौली निवासी कमल चौधरी, उसके बेटे धीरू चौधरी सहित सात के खिलाफ पीड़ित उमा देवी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

भूमाफियाओं को किया ताक़ीद 
पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह मामला हो या फिर कोई अन्य मामला अगर पुलिस कर्मियों की मिलीभगत पाई जाती है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाह प्रकरण हो या एत्मादपुर, हर मामले में हमारे द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने पुलिस कर्मियों और भूमाफियाओं को ताक़ीद किया कि किसी गरीब की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी भू माफिया एवं बड़े से बड़े पहुंच वाले आरोपियों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। 

किसी को बख्शा नहीं जाएगा
बताते चलें कि आगरा में बैनारा फैक्ट्री के पास बीएस कॉम्प्लेक्स के नजदीक बोदला निवासी उमा देवी की चार बीघा जमीन है। जमीन की कीमत करोड़ों में है। उन्होंने डीजीपी को शिकायत की, कहा कि उनके ससुर सरदार टहल सिंह के नाम से चार बीघा जमीन है, ससुर टहल सिंह और पति सरदार जसवीर सिंह का निधन हो चुका है, जमीन उनके कब्जे में थी। उन्होंने जमीन की देखरेख के लिए रवि कुशवाह और उनके भाई शंकरलाल कुशवाह को रख दिया था, ये कुल्फी बेचते हैं। यहां 35 वर्ष से दोनों परिवार रह रहे थे। आरोप है कि जगदीशपुरा पुलिस के साथ मिलकर नेमचंद जैन और उनके साथ जमीन कब्जाने का काम करने वाले लोगों ने साजिश रची। इसके तहत पहला मुकदमा 26 अगस्त 2023 को रवि कुशवाह, शंकरलाल उर्फ शंकरिया और जटपुरा निवासी ओम प्रकाश पर गांजा बिक्री करने का मुकदमा दर्ज करते हुए वाहन सहित गांजा बरामद किया गया और तीनों को जेल भेज दिया। जिस वाहन को जब्त दिखाया गया उसकी नंबर प्लेट फर्जी बताई गई। उसी जगह पर नौ अक्टूबर को आबकारी निरीक्षक ने छापा मारा, मौके से रवि की पत्नी पूनम और बहन पुष्पा और फुरकान को पकड़ा गया, आबकारी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया। इससे चार बीघा जमीन खाली हो गई। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस मामले में सीआरपीसी की धारा 147,148, 149, 447, 448, 120बी, 467, 395, 506 जैसी गंभीर धाराओं में मामला पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है कि पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मिली भगत से पीड़ितों को जेल भेज दिया। इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

सांसद बोले, निलंबन से नहीं चलेगा काम
वहीं इस मामले में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर ने सख़्त टिप्पणी की है। सांसद चाहर ने कहा कि पुलिस कर्मियों के निलंबन से काम नहीं चलेगा। जो भी आरोपी है, उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक गरीब किसान परिवार जो पिछले 40 - 45 वर्षों से अपनी जमीन पर रह रहा है, उसका पीड़ित के पास मालिकाना हक है। सांसद ने कहा कि पीड़ितों को पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा रातों-रात गांजे में और शराब की अवैध फैक्ट्री दिखाकर जेल भेजना और रातों रात भू माफिया द्वारा पीड़ितों की जमीन पर कब्ज़ा करना। ऐसे लोगों को जेल भेजना जिनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह एक गंभीर मामला है। जब पीड़ित पुलिस महानिदेशक के पास शिकायत लेकर पहुंचे तब जाकर दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हुई है। इस मामले में पुलिस कर्मियों पर निलंबन से काम नहीं चलेगा, इन पर कठोर कार्रवाई करनी होगी। आबकारी विभाग में किसके दबाव में किसी षड्यंत्र के तहत पीड़ितों पर इस तरह की कार्रवाई की, इसकी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए।

छवि पर बट्टा लगाने का काम किया
सांसद चाहर ने कहा कि इस कांड ने उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा की छवि पर बट्टा लगाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने इस मामले में कार्रवाई की है, लेकिन निलंबन से काम नहीं चलेगा। इस मामले में पुलिस आयुक्त को एसीपी या डीसीपी से नहीं बल्कि खुद ही बिंदुवार जांच करनी चाहिए। सांसद ने कहा कि  जिस समय घटना घटी तब पुलिसकर्मी किसके दबाव में और किन-किन लोगों के संपर्क में थे इन तथ्यों की जांच होनी चाहिए। 

जांच में सामने आएगा सच
बहरहाल , पुलिस आयुक्त ने पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर दी हो, इसमें प्राथमिक भी दर्ज कर दी गई हों लेकिन क्या आगरा पुलिस के लालची एवं भ्रष्ट पुलिसकर्मी इस कार्रवाई या इस घटना से कोई सबक लेंगे यह आने वाला समय तय करेगा। फिलहाल पुलिस आयुक्त जिले के भूमाफियाओं, जगदीशपुरा कांड में पुलिस कर्मियों एवं अन्य लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं। यह जांच में सामने आएगा कि इस मामले में कौन-कौन सफ़ेदपोश संलिप्त थे और किन के दबाव में पुलिस कर्मियों ने इस घटना को अंजाम दिया।

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