आगरा में सरीसृप जागरूकता दिवस : शहरों में क्यों आ रहे सांप, जानिये विशेषज्ञों की हैरान करने वाली जानकारी

शहरों में क्यों आ रहे सांप, जानिये विशेषज्ञों की हैरान करने वाली जानकारी
UPT | आगरा में सरीसृप जागरूकता दिवस।

Oct 19, 2024 18:59

दुनिया हर साल 21 अक्टूबर को सरीसृप जागरूकता दिवस मनाती है। यह आवश्यक है कि सरीसृप समूह के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई जाए। तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के कारण इनके प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुंच रहा...

Oct 19, 2024 18:59

Agra News : दुनिया हर साल 21 अक्टूबर को सरीसृप जागरूकता दिवस मनाती है। यह आवश्यक है कि सरीसृप समूह के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई जाए। तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के कारण इनके प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुंच रहा है, जिसके कारण सरीसृप, विशेष रूप से सांप मनुष्य आबादी वाले क्षेत्रों में आ रहे हैं। चूंकि मानव निर्मित बुनियादी ढांचा प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण कर रहा है, इसलिए सांप जैसे सरीसृपों के विस्थापन के बारे में बात करना महत्वपूर्ण है।

अब शहरों में आम हो गए सांप
शहरी इलाकों में सांपों का दिखना आम बात होती जा रही है। वाइल्डलाइफ एसओएस ने प्रमुख शहरों में अपने बचाव कार्यों के माध्यम से इस समस्या को कम करने की दिशा में काम किया है। संस्था ने जुलाई, अगस्त और सितंबर 2024 में पूरे देश से लगभग 550 सांपों को बचाया है। इन तीन महीनों में टीम ने आगरा और मथुरा क्षेत्रों से 296, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से 58 और वडोदरा से 194 सांपों को बचाया। एक महीने में किसी क्षेत्र से सबसे अधिक सांपों की संख्या वडोदरा में रही, जहां जुलाई के महीने में 115 सरीसृप को बचाया गया, जो आंशिक रूप से मानसून के कारण आई बाढ़ के कारण हुआ था।

तीन माह में 550 सांपों का रेस्क्यू
सरीसृप जागरूकता दिवस इन सांपों के बारे में जानकारी फैलाने का एक उपयुक्त अवसर है। फिर भी, बड़ी संख्या में लोग इस बात से अनजान हैं कि अधिकतर सांप विषैले नहीं होते और वास्तव में वाइल्डलाइफ एसओएस के बचाव कार्यों के एक बड़े हिस्से में गैर विषैले सांप शामिल हैं। पिछले तीन महीनों में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा बचाए गए कुल लगभग 550 सांपों में से 400 से अधिक सांप विषैले नहीं थे। इन प्रजातियों में चेकर्ड कीलबैक, इंडियन रॉक पायथन, कॉमन वुल्फ स्नेक, रेड सैंड बोआ, ब्लैक हेडेड रॉयल स्नेक और इंडियन रैट स्नेक आदि शामिल हैं।

बारिश के कारण शहरों आए सांप
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि 'सभी सांपों को जहरीली श्रेणी में रखने से अक्सर सांपों की प्रजातियों की गलत पहचान हो जाती है। हालांकि, लोगों को अब भी विशेषकर शहरों में, गैर विषैले सांपों की मौजूदगी के बारे में जानकारी नहीं है। वडोदरा और आगरा में भारी बारिश के कारण शहर और आसपास के गांवों में सांपों की आमद हो गई। हमारी बचाव टीम ने उन्हें बचाने के लिए समय पर हस्तक्षेप किया और जंगल में उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की।

टीम में शामिल हैं विशेषज्ञ
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स और हर्पेटोलोजिस्ट (सरीसृप विज्ञानी) बैजूराज एमवी ने बताया कि हमारे बचाव दल में अच्छी तरह से प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम शामिल है, जो जहरीले और गैर-जहरीले सांपों की पहचान करने के साथ-साथ उन्हें सही तरीके से बचाने में विशेषज्ञ है। शहरी क्षेत्रों में वर्षों से किए गए हमारे बचाव प्रयासों से स्थायी परिवर्तन आया है। उन्हें नुकसान पहुंचाने के बजाय, कई लोग अब सांप को बचाने के लिए स्वेच्छा से हमारी हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं। 

Also Read

रील बनाते समय युवक की गर्दन कटी, हादसा देख कांपी लोगों की रूह

19 Oct 2024 06:04 PM

आगरा सोशल मीडिया का क्रेज बना काल: रील बनाते समय युवक की गर्दन कटी, हादसा देख कांपी लोगों की रूह

आज लड़की हो या लड़का, हर नौजवान एवं किशोर फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर रील बनाकर फेमस होना चाहता है। रील बनाकर फेमस होने के चक्कर में कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं और युवा काल कलवित हो जाते हैं, जिसका खामियाजा उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है। ऐसा ही एक हादसा आगरा के जोह... और पढ़ें