थाना रकाबगंज की निलंबित प्रभारी निरीक्षक शैली राणा प्रेम प्रकरण की गूंज आगरा से लखनऊ तक सुनाई दे रही है। रकाबगंज प्रकरण से उत्तर प्रदेश पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है। शैली राणा और उनके प्रेमी...
आगरा में कोतवाल की पिटाई पर आगबबूला सीपी : हमलावर अरेस्ट, तमाशबीन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज...
Aug 05, 2024 15:38
Aug 05, 2024 15:38
डेढ़ घंटे चला ड्रामा
मोहब्बत की नगरी में मोहब्बत पर दाग ही नहीं लगा, बल्कि जग हंसाई हो गई। यह मोहब्बत किसी आम व्यक्ति की नहीं, बल्कि ख़ाकी वर्दीधारी की है, जिसकी कहानी अब पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़े कर रही है। यहां हम बात कर रहे हैं आगरा के थाना रकाबगंज की इंस्पेक्टर रही शैली राणा की। शनिवार की शाम करीब 4:00 बजे यहां पर लगभग एक से डेढ़ घंटे तक ड्रामा चलता रहा। थाना रकाबगंज की इंस्पेक्टर महिलाओं और पुरुष से पिटती रहीं और इंस्पेक्टर के अधीनस्थ बीच बचाव करने की जगह मोबाइल से वीडियो बनाते रहे। पूरे प्रकरण में महिला इंस्पेक्टर अपने पुरुष मित्र के साथ घर में मौजूद थी, तभी पुरुष मित्र की पत्नी अपने बेटे और भाई, भाभी के साथ आ धमके। बाद में जो ड्रामा हुआ, वह अब जगजाहिर है।
हमलावरों पर एफआईआर
इस प्रकरण में पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ ने सख्त रुख अपनाते हुए महिला इंस्पेक्टर पर हमला करने वालों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कराई। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, महिला इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ का कहना है कि किसी को कोई दिक्कत या परेशानी थी तो उसकी शिकायत की जा सकती थी, लेकिन मारपीट का अधिकार किसी को नहीं दिया गया है। वहीं, निलंबित महिला इंस्पेक्टर शैली राणा का आरोप है कि वहां पर मौजूद महिला द्वारा जो उनके हाथ पकड़े हुए थी, उसके चलते उनके हाथ की कलाई में फ्रैक्चर हो गया है। पुलिस ने शैली राणा का मेडिकल कराया है।
कमिश्नर के तेवर तल्ख
अब इस पूरे प्रकरण में पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ ने पूरे प्रदेश में आगरा पुलिस की किरकिरी होने के बाद सख़्त फैसला लिया है। उन्होंने इस प्रकरण में लिप्त सभी पुलिसकर्मियों को आगरा पुलिस कमिश्नरी से बाहर भेजने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस आयुक्त इसलिए अधिक तल्ख़ हैं, क्योंकि वहां पर मौजूद दरोगा एवं अन्य पुलिसकर्मी निलंबित इंस्पेक्टर शैली राणा की वीडियो बनाते रहे। करीब डेढ़ से दो घंटे तक थाना रकाबगंज परिसर में यह प्रकरण चलता रहा, लेकिन किसी भी दरोगा या पुलिसकर्मी ने अपनी प्रभारी निरीक्षक को मारपीट से बचाने का प्रयास नहीं किया। बस यही बात पुलिस आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों को समझ नहीं आई। इसी बात पर एसीपी से लेकर डीसीपी और पुलिस आयुक्त बेहद नाराज हैं। इस प्रकरण में आठ पुलिसकर्मियों को आगरा पुलिस कमिश्नरी से बाहर भेजा जाता है या अन्य पर भी गाज गिरेगी, यह देखने की बात होगी।
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