आगरा के जूता उद्योग से जुड़े व्यापारी एकजुटता के साथ सरकार द्वारा जूते पर बढ़ाए गए जीएसटी के विरोध में उतर आए हैं। आगरा में जूता बाजार के रूप में पहचाने जाने वाले हींग की मंडी, नाई की मंडी एवं मंटोला के व्यापारी...
Agra News : जूते पर 12 से 18 प्रतिशत GST दर के विरोध में सड़कों पर उतरे व्यापारी, कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया हंगामा
Aug 06, 2024 22:41
Aug 06, 2024 22:41
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने 1 अगस्त से जूता उद्योग पर कड़ा प्रहार किया है। सरकार ने जूता पर लगने वाले टैक्स की दरों में परिवर्तन किया है। जूते पर जहां पहले 5 प्रतिशत जीएसटी लगा करता था, वहीं उसे 1 अगस्त से बढ़ाते हुए 12 से 18 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। सरकार द्वारा जूता में GST की टैक्स बढ़ोत्तरी करने के चलते जूता उद्योग से जुड़े व्यापारियों द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। जूता कारोबारी सरकार द्वारा जूते पर 12 से 18% की बढ़ोत्तरी को लेकर आंदोलनरत हैं। जूता कारोबारी पूर्व की बात जीएसटी 5% करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने जूते पर टैक्स बढ़ाने के साथ-साथ 1 अगस्त से बीआईएस मानक को लागू कर दिया है। जूता व्यापारी बीआईएस मानक का भी विरोध कर रहे हैं।
इसी क्रम में मंगलवार को जूता उद्योग से जुड़े हुए सभी संगठन एकजुट होकर आज सड़कों पर उतरे। आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि जूता पर जीएसटी बनाए जाने के विरोध में मंगलवार को शहर की 20 से अधिक जूता मार्केट के व्यपारी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे हैं। हिंग की मंडी से व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए एमजी रोड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। सभी व्यापारी अपने हाथों में तख़्तियां लिए हुए थे। जिन पर लिखा था जूते पर पुरानी GST दर लागू करो। जूता व्यापारी केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्टर पहुंचे, उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हंगामा काटा। करीब आधा घंटे तक कलेक्ट्रेट में व्यापारियों ने नारेबाजी की और जिलाधिकारी के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए शीला शू मार्केट एसोसिएशन के महासचिव नरेंद्र पुरसनानी ने कहा कि जूता कपड़े के बगैर अधूरा है और कपड़ा बगैर जूते के अधूरा है। केंद्र सरकार यह सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है यह समझ से परे है। कपड़े पर 5 और जूते पर 18 परसेंट GST किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कपड़े पर पांच पर्सेंट जीएसटी इसलिए है क्योंकि कपड़ा कारोबार गुजरात से जुड़ा हुआ है, जूते पर 12 से 18 पर्सेंट जीएसटी इसलिए है जूता उद्योग उत्तर प्रदेश के छोटे मझोले व्यापारियों से जुड़ा है। यह सरकार गरीबों को और गरीब अमीर को और अमीर करता हुआ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि आगरा का जूता व्यापारी किसी भी कीमत पर इस टैक्स कर को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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