लोकसभा चुनाव 2024 में खैर क्षेत्र में समाजवादी पार्टी (SP) का दबदबा दिखा था, लेकिन खैर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने स्थिति को पूरी तरह पलट दिया ।
भाजपा ने पलटा सपा का दबदबा : लोकसभा चुनाव में सपा ने यहां बनाई थी बढ़त, कम मतदान से सपा को लगा झटका
Nov 23, 2024 23:39
Nov 23, 2024 23:39
- लोकसभा में सपा का था दबदबा, लेकिन विधानसभा में बदले समीकरण
- कम मतदान बना सपा के लिए बड़ा झटका
- भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत, सीएम योगी ने की तीन सभाएं
- सपा का रहा कमजोर प्रदर्शन, कांग्रेस का मजबूती से नहीं मिला साथ
लोकसभा में सपा का था दबदबा, लेकिन विधानसभा में बदले समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024 में खैर क्षेत्र में सपा गठबंधन के प्रत्याशी चौधरी विजेंद्र सिंह ने भाजपा के सतीश गौतम को 1401 वोटों के अंतर से पछाड़ा था। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम को 93900 वोट मिले थे.जब कि समाजवादी पार्टी गठबंधन के चौधरी विजेन्द्र सिंह को 95391 वोट मिले थे। यह बढ़त सपा के लिए खैर क्षेत्र में मजबूत पकड़ का संकेत थी, लेकिन विधानसभा उपचुनाव में यह दबदबा बरकरार नहीं रह सका। भाजपा ने जाट और ब्राह्मण वोट बैंक को अपने पक्ष में खींच लिया, जो सपा की हार का मुख्य कारण बना।
कम मतदान बना सपा के लिए बड़ा झटका
खैर विधानसभा उपचुनाव में मात्र 46.36% मतदान हुआ, जो लोकसभा चुनाव की तुलना में कम था। यह सपा के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। भाजपा को 54% वोट मिले, जबकि सपा की चारु कैन 33.31% वोटों तक ही सीमित रहीं। कम मतदान का सीधा असर सपा के प्रदर्शन पर पड़ा और वे भाजपा से पीछे रह गये।
भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत, सीएम योगी ने की तीन सभाएं
इस उपचुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं खैर क्षेत्र में तीन जनसभाएं कीं और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के साथ भाजपा का गठबंधन भी निर्णायक साबित हुआ। रालोद के प्रभावशाली वोट बैंक ने भाजपा को मजबूती दी।
सपा का रहा कमजोर प्रदर्शन, कांग्रेस का मजबूती से नहीं मिला साथ
सपा प्रत्याशी चारु कैन, जो लोकसभा चुनाव में सपा की सफलता के बाद मजबूत स्थिति में मानी जा रही थीं, कम मतदान और भाजपा की आक्रामक रणनीति के सामने टिक नहीं पाईं। चारु ने अपनी इस हार से कुछ सबक जरुर लिया होगा। बड़ी बात यह भी थी कि कांग्रेस का साथ मजबूती से नहीं मिल सका।
भाजपा की जीत के मायने
भाजपा के सुरेंद्र दिलेर की इस जीत ने खैर में सपा के प्रभाव को कमजोर कर दिया है। यह जीत भाजपा की रणनीतिक सफलता और क्षेत्र में रालोद गठबंधन की मजबूती का प्रमाण है। सुरेंद्र दिलेर ने अपनी जीत को जनता और भाजपा व रालोद नेतृत्व के प्रयासों का नतीजा बताया। उन्होंने खैर के विकास और जनता की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देने का वादा किया है। इस उपचुनाव ने न केवल खैर क्षेत्र में भाजपा की स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि यह साबित कर दिया है कि भाजपा अपने संगठन और गठबंधन के जरिए सपा के प्रभाव को चुनौती देने में सक्षम है।
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