जीत के बाद मतगणना स्थल से बाहर आते समय सुरेंद्र दिलेर अपनी मां का हाथ पकड़े हुए नजर आए। इस दौरान अपने पिता को याद करते हुए वह भावुक हो गए और आंखों से आंसू छलक पड़े।
भाजपा के सुरेंद्र दिलेर जीतने के बाद मां के साथ मतगणना स्थल पर हुए भावुक : पिता को याद कर आंखों से छलक पड़े आंसू
Nov 23, 2024 19:47
Nov 23, 2024 19:47
- पिता की विरासत को आगे बढ़ाया
- पार्टी ने खोया हुआ सम्मान लौटाया
- पारिवारिक विरासत की जीत
- जीत के बाद जनता का जताया आभार
पिता की विरासत को आगे बढ़ाया
सुरेंद्र दिलेर के पिता राजवीर दिलेर हाथरस लोकसभा सीट से सांसद थे। इसी साल अप्रैल में हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया था। राजवीर दिलेर इससे पहले इगलास से विधानसभा सदस्य भी रह चुके थे। सुरेंद्र के दादा किशन लाल दिलेर भी अलीगढ़ की कोल विधानसभा सीट से विधायक और हाथरस लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं।
पार्टी ने खोया हुआ सम्मान लौटाया
2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजवीर दिलेर का टिकट काटकर अनूप प्रधान को प्रत्याशी बनाया था, जिससे परिवार और समर्थक आहत हुए थे। लेकिन खैर विधानसभा उपचुनाव में सुरेंद्र दिलेर को टिकट देकर भाजपा ने परिवार का खोया हुआ सम्मान लौटाने का प्रयास किया। जनता ने इस पर विश्वास जताते हुए उन्हें भारी मतों से विजयी बनाया।
पारिवारिक विरासत की जीत
सुरेंद्र दिलेर की यह जीत उनके परिवार की राजनीतिक विरासत की भी जीत है। उनके दादा और पिता, दोनों ने क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ और कार्यों से जनता का विश्वास अर्जित किया था। अब सुरेंद्र ने पहली बार चुनाव लड़ते हुए यह परंपरा आगे बढ़ाई है।
जीत के बाद जनता का जताया आभार
सुरेंद्र दिलेर ने अपनी जीत के बाद खैर की जनता का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, यह जीत मेरे पिता को समर्पित है। उनकी आशीर्वाद से ही यह संभव हुआ। मैं क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध हूं और खैर की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी ताकत से काम करूंगा। सुरेंद्र दिलेर की इस जीत ने न केवल भाजपा को क्षेत्र में मजबूती दी है, बल्कि परिवार की राजनीतिक विरासत को भी नए आयाम दिए हैं। उनकी सफलता ने साबित कर दिया है कि जनता अब भी उनके परिवार के कार्यों और समर्पण को याद रखती है।
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