एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी सदस्य प्रोफेसर असीम सिद्दीकी ने कहा कि एएमयू मुस्लिम अभ्यार्थियों को विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश या भर्ती में कोई आरक्षण नहीं देता है।
मुसलमानों के रिजर्वेशन पर दी सफाई : एएमयू में धार्मिक आधार पर नहीं है कोई आरक्षण
Nov 12, 2024 00:04
Nov 12, 2024 00:04
- AMU में मुस्लिम अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की खबर को बताया भ्रामक
- तीन जजों की पीठ करेगी अल्पसंख्यक संस्थान पर फैसला
- एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग से आरक्षण की नहीं है व्यवस्था
AMU में मुस्लिम अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की खबर को बताया भ्रामक
प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा कि एएमयू में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित स्कूलों से पास होने वाले छात्रों के लिए एक आंतरिक कोटा प्रणाली है। प्रोफेसर सिद्दीकी ने जोर देकर कहा कि जब छात्र विश्वविद्यालय में प्रवेश चाहते हैं तो उन्हें आंतरिक माना जाता है और उनके लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाती हैं, चाहे उनका धर्म या आस्था कुछ भी हो, बशर्ते कि वह पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करते हों। उन्होंने कहा कि एएमयू में मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए सीटें आरक्षित करने की खबरें झूठी और भ्रामक हैं।
तीन जजों की पीठ करेगी अल्पसंख्यक संस्थान पर फैसला
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर फैसला दिया था। जिसमें 57 साल पुराने फैसले को पलट दिया था। पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने 4:3 के बहुमत से 1967 में अजीज बाशा मामले में दिए गए पांच जजों की संविधान पीठ के फैसले को खारिज कर दिया था। वहीं, 1981 में संसद ने एएमयू (संशोधन) अधिनियम पारित कर अल्पसंख्यक दर्जा बहाल कर दिया था, लेकिन जनवरी 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया। हालांकि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, यह निर्णय अब तीन जजों की नियमित पीठ करेगी।
एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग से आरक्षण की नहीं है व्यवस्था
हालांकि एएमयू में एसटी, एससी और ओबीसी को आरक्षण दिए जाने की मांग का मुद्दा लगातार उठ रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में स्कूल, स्नातक और परास्नातक में एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, लेकिन नॉमिनेशन कोटा के जरिए यूनिवर्सिटी में इनका दाखिला होता है। साथ ही दिव्यांग, एनसीसी, खेलकूद, शहीद सैनिकों के बच्चों के लिए भी यही प्रवेश व्यवस्था है।एएमयू एग्जाम कंट्रोलर प्रो मुजीबुल्लाह जुबैरी ने बताया कि यूनिवर्सिटी में दस वर्गों में नामिनेशन प्रक्रिया से प्रवेश दिए जाते हैं।
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