अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन, कुलपति आवास के सामने छात्रों और प्रॉक्टर टीम के बीच हुई धक्का - मुक्की
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन : कुलपति आवास के सामने छात्रों और प्रॉक्टर टीम के बीच हुई धक्का-मुक्की
Nov 20, 2024 22:55
Nov 20, 2024 22:55
- छात्रों को कुलपति से मिलने का समय नहीं दिया गया
- छात्रों की समस्याओं को लेकर बढ़ रहा आक्रोश
- लिंगदोह समिति के आधार पर चुनाव की मांग
छात्रों को कुलपति से मिलने का समय नहीं दिया गया
छात्रों ने कुलपति आवास के बाहर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान AMU प्रॉक्टर टीम और छात्रों के बीच नोक-झोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव कराने के लिए उचित कदम नहीं उठा रहा और न ही उन्हें कुलपति से मिलने का समय मिल रहा है। छात्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ दिन पहले चुनाव अधिकारी नियुक्त करने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
छात्रों की समस्याओं को लेकर बढ़ रहा आक्रोश
छात्रों का कहना है कि छात्र संघ चुनाव न होने के कारण उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। छात्रों का कहना है कि यदि छात्र संघ चुनाव होते, तो उनकी समस्याओं को सही तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखा जा सकता था। छात्रों ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कदम छात्रों की आवाज़ दबाने की कोशिश है, जो लोकतांत्रिक तरीके से अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं।
लिंगदोह समिति के आधार पर चुनाव की मांग
छात्रों ने अपनी मांगें लिंगदोह कमेटी के दिशा-निर्देशों के आधार पर चुनाव कराने की रखी है। लिंगदोह कमेटी ने विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए थे, जिनका पालन कर चुनाव कराए जाने की मांग छात्रों ने की है । छात्रों का कहना है कि इन दिशानिर्देशों का पालन करके चुनाव कराए जाने चाहिए, ताकि चुनाव में किसी प्रकार की धांधली न हो और छात्रों को सही प्रतिनिधि मिल सके।
कुलपति से मिलने की मांग
छात्रों ने कुलपति से मिलने का समय देने की भी मांग की है। उनका कहना है कि कुलपति से बातचीत कर वे अपनी समस्याओं को सीधे तौर पर रख सकेंगे। लेकिन छात्रों का आरोप है कि कुलपति कार्यालय से उन्हें समय नहीं दिया जा रहा है, जो छात्रों के बीच निराशा का कारण बन रहा है । छात्रों का यह भी कहना है कि यदि उनके मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो वे भविष्य में और भी कठोर कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं ।
अटेंडेंस को लेकर भी विरोध
इस बीच, विश्वविद्यालय ने छात्रों की अटेंडेंस को लेकर सख्त कदम उठाया है। छात्रों को 75% अटेंडेंस का नियम पूरा करने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं, जिससे छात्रों में और असंतोष फैल गया है। छात्रों का कहना है कि बिना छात्र संघ चुनाव के, उनकी समस्याओं को हल करना मुश्किल हो रहा है, और अब अटेंडेंस के नियमों के कारण उन्हें और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।