उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच आवागमन को सुगम बनाने के उद्देश्य से अलीगढ़ - पलवल मार्ग का चौड़ीकरण और नवीनीकरण कार्य तेजी से चल रहा है
यूपी-हरियाणा के बीच सुगम यात्रा का सपना होगा साकार : अलीगढ़-पलवल मार्ग के चौड़ीकरण पर खर्च होंगे 2500 करोड़ रुपये, किसानों को मिलेगा 1500 करोड़ मुआवजा
Dec 11, 2024 23:06
Dec 11, 2024 23:06
- भूमि अधिग्रहण कर कैम्प लगा कर दिया जायेगा मुआवजा
- टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा मार्ग
- इस मार्ग के चौड़ीकरण से यातायात सुगम होगा
भूमि अधिग्रहण कर कैंप लगाकर दिया जाएगा मुआवजा
एडीएम प्रशासन पंकज कुमार के अनुसार, पहले चरण में 17 गांवों के लिए 550 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है । अब 4 और गांवों के लिए 50 करोड़ रुपये के मुआवजे का निर्धारण किया गया है । जल्द ही शेष 10 गांवों के लिए भी अवार्ड घोषित किया जाएगा। प्रशासन ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए चिन्हित गांवों में कैम्प लगाना शुरू कर दिया है। जिन गांवों में मुआवजा दिया जा रहा है, उनमें अर्राना, उदयगढ़ी, बांकनेर, गणेशपुर, नगला अस्सु, चौधाना, जरारा, लक्ष्मणगढ़ी, जलालपुर, हीरपुरा, और रसूलपुर जैसे गांव शामिल हैं।
टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा मार्ग
यह मार्ग टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे और पलवल में ईस्टर्न पेरीफेरल इंटरचेंज से जुड़ने वाला है। इस चौड़ीकरण के बाद दिल्ली-एनसीआर, गुरुग्राम, मथुरा, आगरा और ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा अधिक सुविधाजनक और तेज़ होगी। इसके अलावा, खैर और जट्टारी जैसे कस्बों में बाईपास का निर्माण किया जाएगा, जिससे स्थानीय ट्रैफिक की समस्याएं समाप्त होंगी। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश और हरियाणा के औद्योगिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी। क्षेत्रीय किसानों को मुआवजे के माध्यम से आर्थिक लाभ मिलेगा और सड़क की बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय व्यापार को नया जीवन मिलेगा।
इस मार्ग के चौड़ीकरण से यातायात सुगम होगा
इस मार्ग के चौड़ीकरण के बाद यातायात सुगम होने से यात्रियों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। दिल्ली और एनसीआर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के साथ बेहतर संपर्क से व्यापारिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। छह साल पहले इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग द्वारा फोरलेन बनाया गया था, जिस पर 552 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन खैर और जट्टारी में बाईपास का निर्माण न होने के कारण यातायात में समस्याएं बनी रहीं। अब इस मार्ग के चौड़ीकरण और सुधार के साथ इन समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। यह परियोजना केवल दोनों राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।