Aligarh News : सांसद का एएमयू पर हमला, कहा- मेडिकल कॉलेज में इलाज से कतराते हैं हिंदू परिवार 

UPT | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

Aug 03, 2024 14:17

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के खिलाफ अपने रुख को लेकर प्राय: सुर्खियों में रहने वाले सांसद सतीश गौतम ने संसद में विश्वविद्यालय के खिलाफ कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही अलीगढ़ में केंद्र शासित...

Aligarh News : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के खिलाफ अपने रुख को लेकर प्राय: सुर्खियों में रहने वाले सांसद सतीश गौतम ने संसद में विश्वविद्यालय के खिलाफ कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही अलीगढ़ में केंद्र शासित मुस्लिम विश्वविद्यालय है और उसका ट्रॉमा सेंटर भी भाजपा शासन में विकसित हुआ है। मगर, वहां समुदाय विशेष के डॉक्टरों की संख्या अधिक है। इस कारण हिंदू परिवार इलाज के लिए जाने से कतराते हैं, इसलिए अलीगढ़ के ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय (डीडीयू) को एम्स की तरह विकसित किया जाए। 

संसद में क्या बोले सांसद
संसद में अभिवादन भाषण के लिए सांसद गौतम को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री का धन्यवाद देता हूं। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में ट्रॉमा सेंटर की अनुमति दी गई। वह अब बनकर तैयार हो गया। बेशक यह केंद्र शासित है, मगर यहां समुदाय विशेष के डॉक्टरों की संख्या अधिक है, इसलिए वहां उपचार के लिए हिंदू परिवार जाने से डरते हैं। ऐसे में जरूरत है कि अलीगढ़ में ही मौजूद दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय को एम्स की तरह ही विकसित किया जाए। ऐसा होने पर अलीगढ़ के साथ-साथ हाथरस, एटा, कासगंज व बुलंदशहर के लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह बड़ा विश्वविद्यालय है, मगर एक समुदाय के कारण और कांग्रेस के एक मंत्री द्वारा एक समुदाय के लिए लिखे गए पत्र के कारण अन्य लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। अब जरूरत दीनदयाल अस्पताल को एम्स की तरह विकसित करने की है, ताकि अन्य लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके। 

सांसद के बयान से सहमत नहीं प्राचार्य
जेएन मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की सीएमएस/प्राचार्य प्रो. वीणा माहेश्वरी ने कहा कि सांसद का जेएन मेडिकल कॉलेज में हिंदू मरीज जाने से कतराते हैं, संबंधी बयान उचित नहीं है। उनके इस बयान से सहमत नहीं हूं। यहां पर सभी धर्मों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। वर्ष 1992 में ढांचा विध्वंस के बाद कुछ वर्ष तक हिंदू मरीज इलाज कराने से कतराते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मेडिकल कॉलेज में रोजाना छह हजार मरीज पर्चा बनवाते हैं।

धर्म नहीं बीमारी पूछकर होता है इलाज
एएमयू शिक्षक संघ के सचिव डॉ. ओबैद अहमद सिद्दीकी ने कहा कि मरीज का नाम नहीं, बल्कि उसकी बीमारी पूछकर डॉक्टर इलाज करते हैं। मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ के आसपास के 12 जिलों के मरीज आते हैं। इनमें सभी धर्मों के लोग होते हैं। सांसद अगर संसद में मेडिकल कॉलेज का बजट 25 करोड़ से ज्यादा करने की बात करते तो बेहतर होता, क्योंकि यह कॉलेज उनके संसदीय क्षेत्र में आता है।

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