खाद वितरण में अनियमितता : किसान परेशान, सचिवों पर लगे गंभीर आरोप, डीएपी के लिए समितियों के चक्कर काटने को मजबूर

UPT | सहकारी समिति खाद वितरण केंद्र।

Dec 02, 2024 19:07

बाराबंकी जनपद में खाद वितरण को लेकर प्रशासनिक दावों के बावजूद किसान परेशान हैं। समिति सचिवों की मनमानी और चहेतों को प्राथमिकता देने की वजह से गरीब किसानों को डीएपी खाद के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

Barabanki News : बाराबंकी जनपद में खाद वितरण को लेकर प्रशासनिक दावों के बावजूद किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खाद की उपलब्धता को लेकर समिति सचिवों की मनमानी और अपने चहेतों को प्राथमिकता देने की शिकायतें सामने आ रही हैं। गरीब और जरूरतमंद किसान डीएपी खाद के लिए समितियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, जबकि चहेतों को आसानी से खाद उपलब्ध कराई जा रही है। 



रामसनेहीघाट में समिति सचिवों पर गंभीर आरोप 
रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र में साधन सहकारी समितियों पर डीएपी खाद की रैक समय-समय पर पहुंच रही है। लेकिन रामपुर साधन सहकारी समिति के सचिव रामसिंह पर आरोप है कि वे खाद वितरण में पारदर्शिता नहीं रख रहे। सूत्रों के अनुसार, सचिव अपने चहेतों को पहले से सूचना देकर अधिक मात्रा में खाद वितरित कर देते हैं। यह खाद बाद में निजी दुकानों पर ब्लैक में बेची जाती है। इस बीच, जरूरतमंद किसान निजी दुकानों से महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं।

किसानों की समस्याएं और आरोप
रामपुर क्षेत्र के किसान राम प्रसाद, श्रवण, श्रीचंद्र, हिमांशु, रामशरन, बालक, सुजीत, और प्रमोद का कहना है कि खाद की रैक आने के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही। किसानों का आरोप है कि सचिव रामसिंह अपने करीबी लोगों को खाद देने में प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा, खाद की ब्लैक मार्केटिंग से सचिव मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि आलू, मटर, सरसों, और चना जैसी फसलों की बुवाई के बाद अब गेहूं की बुवाई का समय चल रहा है। लेकिन समितियों पर खाद की अनुपलब्धता से उन्हें अपनी फसलें प्रभावित होने का डर है। मजबूरी में किसान नकली या महंगे दामों पर खाद खरीदने को विवश हैं।

खाद ब्लैक मार्केटिंग के गंभीर परिणाम
सूत्र बताते हैं कि सचिव रामसिंह के निजी सहयोगी संजय कुमार के कारनामे क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं। किसानों का कहना है कि समिति पर खाद और धान तौल का काम एक साथ चल रहा है, जिससे खाद वितरण प्रभावित हो रहा है। रामपुर और आसपास के अन्य क्षेत्रों में यह स्थिति किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।

खुशहेटी समिति पर भी अनियमितता के आरोप
रामसनेहीघाट के खुशहेटी साधन सहकारी समिति पर भी धान खरीद के दौरान खाद वितरण की मांग उठी थी। लेकिन यहां भी सचिवों की मनमानी और प्रशासनिक लापरवाही से किसानों को निराशा हाथ लगी।

प्रशासन की विफलता और किसान आंदोलन की संभावना
किसानों का आरोप है कि जिला प्रशासन खाद उपलब्धता सुनिश्चित करने में विफल रहा है। कई किसानों ने यह भी कहा कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। प्रशासनिक अधिकारियों को इस समस्या का तत्काल समाधान करना होगा, वरना रबी की फसलों पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है।

किसानों की मांग
किसानों ने मांग की है कि खाद वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और सचिवों की मनमानी पर रोक लगाई जाए। साथ ही, ब्लैक मार्केटिंग में लिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाए। बाराबंकी जिले में खाद वितरण की समस्या ने किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करना चाहिए, ताकि वे अपनी फसलों की बुवाई बिना किसी परेशानी के कर सकें। 

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