गोंडा में शुरू होगी ओपन सफारी : टिकरी जंगल और अरगा विहार बनेंगे इको-टूरिज्म हब, जानें क्या है उद्देश्य...

UPT | गोंडा में शुरू होगी ओपन सफारी

Sep 27, 2024 18:59

गोंडा जिले के टिकरी जंगल और अरगा पक्षी विहार को अब इको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है, टिकरी जंगल जो लगभग 7,500 हेक्टेयर में फैला है...

Gonda News : गोंडा जिले के टिकरी जंगल और अरगा पक्षी विहार को अब इको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य गोण्डा की प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षित करना और अयोध्या आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करना है। टिकरी जंगल, जो लगभग 7,500 हेक्टेयर में फैला है, में जल्द ही ओपन सफारी शुरू की जाएगी, जिससे पर्यटक वन्यजीवों और वनस्पतियों का नजदीकी अनुभव कर सकेंगे। अयोध्या धाम के निकट होने के कारण, यह परियोजना धार्मिक यात्रियों के लिए भी एक खास आकर्षण होगी, जहां वे आध्यात्मिक यात्रा के साथ प्रकृति का आनंद ले सकेंगे।

आएंगे हजारों प्रवासी पक्षी
इसके अलावा, वजीरगंज स्थित पार्वती अरगा पक्षी विहार को भी इको-टूरिज्म के तहत विकसित किया जाएगा। 1,084.47 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह पक्षी विहार सर्दियों में हजारों प्रवासी पक्षियों का स्वागत करता है, जिससे यह एक खास पर्यटक आकर्षण बन जाता है। पर्यटक यहां प्रवासी पक्षियों के कलरव का आनंद ले सकेंगे, जो इस क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को और भी बढ़ाएगा।



राजा भैया की अध्यक्षता में हुई बैठक
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक बैठक हुई, जिसमें पार्वती अरगा आर्द्रभूमि के संरक्षण, विवेकपूर्ण उपयोग और अरगा झील को सरयू नहर से जोड़ने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इस बैठक में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के प्रतिनिधियों, भारतीय प्राणि सर्वेक्षण संस्थान, भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, विश्व प्रकृति निधि (WWF) और अन्य सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण के सदस्य सचिव नीरज कुमार और जिलाधिकारी गोंडा नेहा शर्मा आदि मौजूद रहे।

राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने दिया संदेश
इस अवसर पर, केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अरगा परिसर में मौलश्री का पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने अरगा झील को सरयू कैनाल से जोड़ने के प्रस्तावित बिंदुओं का निरीक्षण भी किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।

सरयू कैनाल से जोड़ने का प्रस्ताव
अरगा झील के पानी के स्तर को पूरे वर्ष बनाए रखने के लिए इसे सरयू कैनाल से जोड़ने का प्रस्ताव है। इससे न केवल झील का जलस्तर स्थिर रहेगा, बल्कि जल निकासी और कृषि से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी होगा। यह पहल झील के इकोसिस्टम को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ स्थानीय कृषि को भी समर्थन प्रदान करेगी। केंद्रीय राज्य मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि झील को कैनाल से जोड़ने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाए ताकि वेटलैंड का जलस्तर पुनर्स्थापित किया जा सके।

मंत्री ने दिया निर्देश
वजीरगंज स्थित पार्वती अरगा पक्षी विहार सर्दियों में हजारों प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान बनता है। हालांकि, अरगा झील के चारों ओर की कृषि भूमि में किसानों द्वारा कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग झील के पानी की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। मंत्री ने निर्देश दिया है कि किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए और इसके प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाए। इसके अलावा, झील के पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी और मृदा स्वास्थ्य परीक्षण का डेटा संग्रहित किया जाएगा। पार्वती अरगा वेटलैंड के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए एक समेकित एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ संस्थाएं शामिल होंगी। इसके साथ ही, वेटलैंड में पाए जाने वाले सभी वन्य प्राणियों, पक्षियों और कीटों की प्रजातीय विविधता का अध्ययन भी किया जाएगा।

"वेटलैंड मित्र" संगठन का गठन किया जाएगा
वेटलैंड्स में खरपतवार उन्मूलन के लिए कार्बनिक पद्धतियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही, "वेटलैंड मित्र" नामक एक स्थानीय संगठन का गठन किया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा। इस संगठन के सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। पर्यावरण और जल संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए नियमित जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें गोष्ठियों, नुक्कड़ नाटकों और स्कूली बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिताओं का समावेश होगा।

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