एसएससी ऑनलाइन परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा : 22 अभ्यर्थियों ने जाली तरीके से पाई सरकारी नौकरी, स्क्रीन टाइम से मिला सुराग

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Sep 29, 2024 11:36

गोरखपुर में स्थित एक ऑनलाइन परीक्षा सेंटर में एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षा के दौरान हुए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है...

Gorakhpur News : गोरखपुर में स्थित एक ऑनलाइन परीक्षा सेंटर में एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षा के दौरान हुए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसमें 22 अभ्यर्थियों ने धोखाधड़ी करके सरकारी नौकरी हासिल कर ली। एसटीएफ (विशेष कार्यबल) की जांच में सामने आया कि नौसड़ स्थित स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर के कर्मचारी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे। 

कैसे हुआ खुलासा?
इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब राष्ट्रपति को एक शिकायती पत्र भेजा गया, जिसमें ऑनलाइन परीक्षा में हो रही धांधली की जानकारी दी गई थी। इसके बाद एसएससी मुख्यालय ने प्रयागराज भर्ती बोर्ड को इसकी जांच के आदेश दिए और मामला यूपी एसटीएफ को सौंपा गया। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और कंप्यूटरों के स्क्रीन टाइम से अहम सुराग मिले, जिनसे पता चला कि 22 अभ्यर्थियों के कंप्यूटर मॉनीटर बिना किसी आदेश के बदले गए थे और परीक्षा के दौरान एनी डेस्क सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर पेपर सॉल्व किया गया था।

मॉनीटर बदले जाने का खेल
जांच में खुलासा हुआ कि 8 से 11 मई 2023 तक हुई परीक्षा में 798 कंप्यूटरों में से केवल 37 अभ्यर्थी ही सफल हो सके, जिनमें से 22 ने देशभर में शीर्ष 200 रैंक प्राप्त की। इन 22 अभ्यर्थियों के मॉनीटर बदले गए थे और उनके लिए पेपर को बेहद कम समय में हल किया गया था। खास बात यह थी कि ये अभ्यर्थी गणित जैसे कठिन सवालों को बिना किसी गणना के हल कर रहे थे। हालांकि, शक से बचने के लिए उन्होंने पूरा समय परीक्षा केंद्र में बिताया और बाकी अभ्यर्थियों के साथ ही बाहर निकले। 



सेंटर के कर्मचारियों की मिलीभगत
स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर के सभी कर्मचारी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे। सेंटर का आईटी मैनेजर अवनीश कुमार, कक्ष निरीक्षक जुगेश कुमार गौतम और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर यह गड़बड़ी की। कक्ष निरीक्षक को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी सौंपी गई थी, ताकि मॉनीटर बदलने की प्रक्रिया कैमरे में रिकॉर्ड न हो सके। सेंटर के संचालक राजीव रंजन की मिलीभगत से यह सब हुआ।

10 से 15 लाख की मोटी रकम वसूली
इस फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 से 15 लाख रुपये की मोटी रकम वसूली थी। आधी रकम एडवांस में ली गई थी और बाकी रकम रिजल्ट आने के बाद लेनी तय थी। लेनदेन को गुप्त रखने के लिए सारा भुगतान नकद में किया गया।

फ्लाइट से भेजे गए सीपीयू
इस गड़बड़ी के दौरान कंप्यूटर खराब होने की कोई सूचना परीक्षा आयोग को नहीं दी गई थी। बाद में, दो सीपीयू को जांच के लिए मुंबई प्रयोगशाला भेजा गया, जिनमें मॉनीटर बदलने की प्रक्रिया शामिल थी।

शिकायत से खुला फर्जीवाड़ा
इस धांधली का खुलासा तब हुआ जब झाझर निवासी चरण सिंह चौधरी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ऑनलाइन परीक्षा में हो रही धांधली की शिकायत की। उनके पत्र के बाद यह मामला उठाया गया और जांच में सभी दोषियों की मिलीभगत उजागर हुई।

पुलिस ने दर्ज किया केस
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के आधार पर गीडा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। राजीव रंजन, जुगेश कुमार गौतम, अवनीश कुमार और अन्य दोषियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

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