परीक्षा में सुधार : एमएमएमयूटी ने प्रश्नपत्र लीक की समस्या को किया खत्म, अब समर्थ पोर्टल के जरिए विवि तैयार करवा रहा क्वेश्चन पेपर 

UPT | मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय।

Dec 14, 2024 23:11

मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमयूटी) ने समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रश्नपत्र निर्माण, माडरेशन और वितरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और सुरक्षित बना दी है। अब प्रश्नपत्र परीक्षा के 30 मिनट पहले ही शिक्षक के पासवर्ड से डाउनलोड होते हैं, जिससे लीक की संभावना खत्म हो गई है।

Gorakhpur News : मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) ने अपनी परीक्षाओं में तकनीकी सुधार करते हुए प्रश्नपत्र आउट होने और बदलने की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। अब विश्वविद्यालय समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रश्नपत्र तैयार करवा रहा है, जिसमें माडरेशन से लेकर वितरण तक की प्रक्रिया डिजिटल और सुरक्षित तरीके से पूरी की जा रही है।



पोर्टल पर ही प्रश्नपत्र निर्माण और माडरेशन
समर्थ पोर्टल पर शिक्षक प्रश्नपत्र बनाकर अपलोड करते हैं। माडरेशन के लिए नामित शिक्षक भी इसी पोर्टल पर माडरेशन प्रक्रिया पूरी करते हैं। इसके बाद, परीक्षा के समय से केवल 30 मिनट पहले प्रश्नपत्र उस शिक्षक के पासवर्ड के जरिए डाउनलोड किया जाता है, जिसने इसे तैयार किया है। इस प्रक्रिया ने अनावश्यक हस्तक्षेप और प्रश्नपत्र के लीक होने की संभावना को पूरी तरह समाप्त कर दिया है।

तकनीकी दक्षता में अग्रणी एमएमयूटी
एमएमयूटी समर्थ पोर्टल लागू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। कुलपति प्रो. जेपी सैनी के अनुसार, इस तकनीकी सुधार ने न केवल परीक्षा की शुचिता को बनाए रखा है, बल्कि प्रश्नपत्र निर्माण की प्रक्रिया को भी सरल और पारदर्शी बना दिया है। यह कदम उन विश्वविद्यालयों के लिए मिसाल बन सकता है, जो प्रश्नपत्र लीक और बदलने की समस्या से जूझ रहे हैं।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा निरस्त
जहां एमएमयूटी ने अपनी परीक्षाओं को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में सफलता पाई है, वहीं गोरखपुर विश्वविद्यालय में 10 दिसंबर को विषम सेमेस्टर की बीकॉम परीक्षा में गलत प्रश्नपत्र वितरण के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। प्रथम प्रश्नपत्र की जगह द्वितीय प्रश्नपत्र बांट दिया गया था, जिसके कारण विश्वविद्यालय को परीक्षा की तारीख पुनर्निर्धारित करनी पड़ी।

नए मॉडल की विशेषताएं और लाभ
एमएमयूटी का यह मॉडल न केवल प्रश्नपत्र आउट होने की समस्या पर विराम लगाता है, बल्कि इसे परीक्षा प्रक्रिया को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के रूप में भी देखा जा रहा है।

डिजिटल माडरेशन: माडरेशन प्रक्रिया ऑनलाइन और पोर्टल के भीतर सुरक्षित तरीके से होती है।

आखिरी समय में वितरण: परीक्षा के ठीक 30 मिनट पहले प्रश्नपत्र डाउनलोड किए जाते हैं, जिससे लीक होने की संभावना खत्म हो जाती है।

शुचितापूर्ण परीक्षा: पारदर्शिता और सुरक्षा के चलते परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। 

एमएमयूटी का यह कदम शिक्षा संस्थानों के लिए एक आदर्श बन सकता है, जहां प्रश्नपत्रों के लीक होने और बदलने की घटनाएं अक्सर परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं। 

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