हनुमान प्रसाद पोद्दार को दी श्रद्धांजलि : मुख्यमंत्री योगी ने कहा- धर्म, लोक और राष्ट्र कल्याण के लिए समर्पित रहे 'भाईजी'

UPT | भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार को श्रद्धांजलि देते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Sep 30, 2024 01:44

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हनुमान प्रसाद पोद्दार 'भाईजी' को श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला।

Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हनुमान प्रसाद पोद्दार 'भाईजी' को श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाईजी का जीवन पूरी तरह से धर्म, लोक और राष्ट्र कल्याण को समर्पित था। भाईजी ने धार्मिक-आध्यात्मिक पत्रिका कल्याण के माध्यम से समाज के हर वर्ग का मार्गदर्शन किया और यह पत्रिका सनातनी जीवन की मार्गदर्शिका बन गई।

भाईजी का योगदान अद्वितीय
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईजी का योगदान न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक जगत में अद्वितीय था, बल्कि आजादी के आंदोलन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके लेखन और विचारों ने समाज को नई दिशा दी। आज यदि हम अपने नागरिक कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते हैं, तो यह भाईजी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कल्याण पत्रिका और भाईजी की साधना
सीएम योगी ने बताया कि कल्याण पत्रिका का प्रकाशन 1927 में गोरखपुर से शुरू हुआ, और इसके आदि संपादक भाईजी ने इसे प्रत्येक सनातनी के घर तक पहुंचाने का कार्य किया। उन्होंने इसे सदगृहस्थ जीवन की मार्गदर्शिका के रूप में प्रस्तुत किया। यह पत्रिका न केवल धार्मिक जीवन की राह दिखाती है, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी संजीवित करती है।

आजादी के आंदोलन में भूमिका
भाईजी ने केवल धार्मिक कार्यों तक सीमित नहीं रहे, उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी की। इसके लिए उन्हें ब्रिटिश सरकार से यातनाएं भी झेलनी पड़ीं। बावजूद इसके, भाईजी ने आजादी के आंदोलन को अपने साहित्य के माध्यम से आगे बढ़ाया और विभिन्न क्रांतिकारी नेताओं के संपर्क में रहे।

संस्कारयुक्त परिवार के लिए लेखन
सीएम योगी ने कहा कि भाईजी ने स्वतंत्रता के बाद भारत को संस्कारयुक्त समाज बनाने के लिए अपनी लेखनी को धार दी। उनका मानना था कि परिवार और समाज की बुनियाद संस्कारों पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने वैदिक साहित्य और सनातन धर्म के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया, जिससे देश की सांस्कृतिक धरोहर संरक्षित रह सके।

गीता प्रेस का योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईजी की साहित्यिक साधना ने गीता प्रेस को दुनिया के सबसे बड़े सनातनी साहित्य केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने वैदिक साहित्य की चिंतन परंपरा को संरक्षित करने का कार्य किया, जिससे भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संजीवनी मिली। गीता प्रेस का शताब्दी महोत्सव पिछले वर्ष मनाया गया और इसे गांधी शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

महापुरुषों का स्मरण और समाज के प्रति दायित्व
सीएम योगी ने कहा कि महान लोग अपने समय के बाद भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत बने रहते हैं। भाईजी का भौतिक देह आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके कार्य और योगदान हमें आज भी प्रेरित करते हैं। उनके जीवन के सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए समाज और देश की सेवा करना हमारा कर्तव्य है।

समाज में लोक कल्याण की भावना
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईजी का जीवन हमें सिखाता है कि समाज में लोक कल्याण का भाव हमेशा जीवित रहना चाहिए। आज के डिजिटल युग में, जहां साहित्य और संस्कृति कमजोर पड़ती दिख रही हैं, हमें अपने सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।

2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्प
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हर नागरिक को अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा। भाईजी के जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेकर हमें अपने समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए।

श्रद्धांजलि सभा और प्रमुख अतिथि
इस श्रद्धांजलि सभा में कई प्रमुख लोग उपस्थित थे, जिनमें कथावाचक नरहरि दास जी महाराज, प्रो. सच्चिदानंद जोशी, डॉ. बालमुकुंद पांडेय और ओम जी उपाध्याय शामिल थे। सभा के अंत में सीएम योगी ने भाईजी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार के जीवन और योगदान से यह स्पष्ट होता है कि उनके जैसे महापुरुष समाज के लिए सदैव प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे। उनका जीवन धर्म, समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित था, और हमें भी उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए। 

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