मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुकुलों में यज्ञ और हवन की आर्य समाज की पद्धति का अनुसरण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब तक गुरुकुलों में यह परंपरा जीवित रही, तब तक वहां का वातावरण आध्यात्मिक और अनुशासनपूर्ण था, जिससे पठन-पाठन के बेहतरीन परिणाम सामने आते थे।