झांसी में मानसून की मेहरबानी नहीं हो रही है। कम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
Jhansi News : देश के कई हिस्सों में भारी बारिश से जहां जनजीवन प्रभावित हुआ है, वहीं झांसी में मानसून की मेहरबानी नहीं हो रही है। मानसूनी सीजन के आधे से अधिक बीत जाने के बाद भी जिले में औसत वर्षा का आधा हिस्सा भी नहीं हुआ है। किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि कम बारिश से फसलों को नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है।
पिछले 10 सालों में सबसे कम बारिश
जिले में 15 जून से 15 सितंबर तक मानसूनी सीजन माना जाता है। पिछले 10 सालों के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल झांसी में सबसे कम बारिश हुई है। जनपद की औसत वर्षा 825 मिलीमीटर है, लेकिन इस साल अभी तक सिर्फ 475 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। मौसम विभाग ने हालांकि औसत वर्षा होने का अनुमान जताया था, लेकिन बारिश की कमी ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
किसानों की चिंता बढ़ी
कम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेत सूख रहे हैं और फसलों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही बारिश नहीं हुई तो फसलों को नुकसान होने का खतरा है।
मौसम विभाग का कहना
मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वोत्तर दिशा से चलने वाली हवाओं के कारण मानसून पूरब की तरफ शिफ्ट हो गया है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि एक-दो दिन में दक्षिण-पश्चिम दिशा से हवाएं चलने लगेंगी तो फिर से मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार झांसी में औसत वर्षा के बराबर बरसात हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना
कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आदित्य कुमार सिंह का कहना है कि कम बारिश से सिंचाई के साधनों पर दबाव बढ़ गया है। किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए वैकल्पिक तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने किसानों को सूखे के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है।