Farrukhabad News: तेंदुए की दहशत में ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ रातभर दे रहे पहरा, ढोल-डिब्बे बजाकर कर रहे परिवारों की रक्षा

UPT | तेंदुए को खोजती टीम

Dec 13, 2024 12:13

फर्रुखाबाद जिले में तेंदुए की दहशत ने ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ा दी है। गांवों में सुरक्षा के लिए ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ रातभर पहरा दे रहे हैं। तेंदुए को भगाने और अपने परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण ढोल और डिब्बे बजाकर शोर मचा रहे हैं।

Farrukhabad News: यूपी के फर्रुखाबाद में एक बार से तेंदुए चहल-कदमी सामने आई है। जंगली जानवर के पग चिन्ह मिलने से ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीण अलग-अलग टोलियों में रात के वक्त अलाव जलाकर लाठी-डंडो के साथ पहरा दे रहे हैं। ढ़ोल-डिब्बे बजाकर अपने-अपने परिवारों की रक्षा कर रहे हैं। किसान रात में अपनी फसलों की रखवाली करने के लिए भी नहीं जा रहे हैं। वहीं वन विभाग की टीम भी रात 12 बजे तक रुकने के बाद वापस लौट आई। स्कूलों में छात्रों की संख्या भी ना के बराबर पहुंच रही है।

विकासखंड बढ़पुर के जसमई गांव में बीते दिनों नर तेंदुआ पकड़ा गया था। दोबारा पग चिन्ह मिलने से ग्रामीणों में दहशत है। राम नगर कुडरिया गांव में खेतों के बीच जंगली जानवर के पग चिन्ह मिले हैं। बीडीओ, इंस्पेक्टर और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी। बीडीओ और वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों से अकेले खेत नहीं जाने की हिदायत दी थी। बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने घरों के बाहर आग जलाकर पहरा देते रहे।

वन विभाग ने कराई मुनादी 
ग्रामीण जरा सी आहत पर ढ़ोल और डिब्बे बजाकर शोर मचाने लगते थे। सुबह होते ही ग्रामीण एकट्ठे होकर खेतों पर पहुंचे। वन विभाग के उपसंभागीय वानिकी अधिकारी ओमप्रकाश ने बताया कि जांच के दौरान खेत में मिले पैरों के निशान कुत्ते के प्रतीत हो रहे हैं। ऐतियात के तौर पर वन विभाग ने क्षेत्र में सुरक्षित रहने की मुनादी कराई है। वन विभाग की टीम ने रातभर गस्त कर जानवर को ढूंढने का प्रयास किया।

बच्चों को नहीं भेज रहे स्कूल 
जंगली जानवर की आहत से ग्रामीण डरे सहमे हैं। अधिकारियों ने स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति सिंह को स्कूल का गेट बंद कर शिक्षण कार्य करने के निर्देश दिए थे। ग्रामीणों से अपने बच्चों को अकेले स्कूल नहीं भेजने की बात कही थी। गुरुवार को शिक्षण कार्य के दौरान गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में भी मेन गेट बंद रहे। परिजनों ने बताया कि बच्चों को स्कूल भेजने में खतरा महसूस हो रहा था, इस लिए नहीं भेजा है।

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