Kanpur News : ज्योति हत्याकांड में शामिल आरोपी मनीषा माखीजा को कोर्ट से मिली राहत, कही ये बात......

UPT | आरोपी व मृतका की फाइल फ़ोटो

Dec 09, 2024 19:28

कानपुर के चर्चित रहे ज्योति हत्याकांड के मामले में हाई कोर्ट से आरोपित मनीषा माखीजा को बड़ी राहत मिली है।कोर्ट ने मनीषा मखीजा के खिलाफ अपराध में लिप्त होने के ठोस साक्ष्य ना होने के आधार पर उसे बरी कर दिया है।

Kanpur News : कानपुर के चर्चित रहे ज्योति हत्याकांड के मामले में हाई कोर्ट से आरोपित मनीषा माखीजा को बड़ी राहत मिली है।कोर्ट ने मनीषा मखीजा के खिलाफ अपराध में लिप्त होने के ठोस साक्ष्य ना होने के आधार पर उसे बरी कर दिया है।साथ ही ट्रायल कोर्ट के दौरान इस हत्याकांड से जुड़े बाकी आरोपी उम्र कैद की सजा काट रहे हैं और उनकी सजा बरकरार रखी है।ट्रायल कोर्ट से मुकेश श्याम दशनानी ,पूनम श्याम दशनानी को बरी करने के खिलाफ आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी है। ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही करार दिया गया है।

2014 में हुआ था ज्योति हत्याकांड 
27 जुलाई 2014 को शहर का चर्चित ज्योति हत्याकांड हुआ था। जिसमें ज्योति के पति पीयूष ने साजिशन ज्योति को दूसरी कार से अगवा करा कर देर रात उसकी चाकू से गोदकर हत्या कर शव कार में छोड़ दिया था।घटना की जानकारी होने के बाद मामला काफी चर्चा में रह था। इस मामले में पुलिस ने जांच के दौरान ज्योति के पति पीयूष श्याम दासानी, सोनू कश्यप, रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया, आशीष कश्यप ,अवधेश चतुर्वेदी और  मनीषा मखीजा को सेशन कोर्ट ने 20 अक्टूबर 2022 को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी।इन सभी ने सेशन कोर्ट के फैसले को अपील में चुनौती दी थी।अपील पर न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान और न्यायमूर्ति अजय हुसैन इदरीसी की खंड पीठ ने सुनवाई की। हाई कोर्ट सभी आरोपियों के साक्ष्यों और गवाहों के बयान की समीक्षा करने के बाद 5 आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में सफल रहा। अभियोजन ने जो सबूत पेश किया उससे षड्यंत्र और हत्या की पूरी चेन साबित हो गई। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों को सजा सुनाए जाने का निर्णय पूरी तरीके से सही है। उसमें हस्तक्षेप करने की कोई गुंजाइश नहीं है।

कोर्ट ने बेल बांड निरस्त करने के दीए निर्देश 
वहीं आरोपी मनीष मखीजा के मामले में हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को नजर अंदाज किए जाने और मात्र आशंका के आधार पर सजा सुनाए जाने को गलत करार दिया।कोर्ट ने कहा कि मनीषा के इस षड्यंत्र में शामिल होने के पुख्ता प्रमाण नहीं है।अभियोजन यह साबित करने में असफल रहा है कि मनीषा को ज्योति की हत्या के षडयंत्र और पीयूष के इरादे की पहले से जानकारी थी। सिर्फ आशंका और संभावनाओं के आधार पर साक्ष्य की चेन पूरी नहीं होती।इसलिए मनीषा संदेह का लाभ पाने की हकदार है।मनीषा पहले से जमानत पर है कोर्ट ने उसके बेल बांड निरस्त करने के निर्देश दिए।

सेशन कोर्ट के फैसले ने किया स्पष्ट 
सेशन कोर्ट के फैसले ने स्पष्ट किया कि पीयूष ने ज्योति के अपहरण और हत्या का आपराधिक षडयंत्र रचकर उसे किडनैपर के हवाले किया था।साजिशन ज्योति के शव को न केवल छुपाया बल्कि गलत सूचना देकर पुलिस को भ्रमित भी किया।मनीषा प्रत्यक्ष रूप से घटना स्थल पर मौजूद नहीं थी।लेकिन पीयूष और सह अभियुक्तों के साथ लगातार फर्जी नाम से लिए गए सिम लगाकर मोबाइल से बात करना मनीषा के षड्यंत्र में शामिल होने की पुष्टि करता है। इसी तरह अवधेश रेणु और सोनू ने ज्योति का अपहरण कर हत्या की और जेवर लूट लिए थे। आशीष ने भी हत्या और सबूत मिटाने में मदद की।इसलिए सभी हत्या के दोषी पाए गये थे। सेशन कोर्ट ने मनीषा के अलावा बाकी पांच अभियुक्तों को अपहरण हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी माना था। मनीषा को सिर्फ हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी माना गया था।

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