पुराना गंगा पुल होगा ध्वस्त : केंद्रीय टीम ने घोषित किया जर्जर, पीडब्ल्यूडी ने शासन को भेजी रिपोर्ट

UPT | पुराना गंगा पुल

Nov 30, 2024 16:39

करीब डेढ़ सौ साल पहले निर्मित यह पुल कानपुर और उन्नाव जिलों को जोड़ने के लिए बनाया गया था। अपनी मजबूत संरचना और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह लंबे समय तक यातायात का मुख्य साधन रहा।

Kanpur News : कानपुर और उन्नाव को जोड़ने वाला ऐतिहासिक गंगा पुल अब अपनी सेवा समाप्ति की ओर है। केंद्रीय टीम और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस पुल को पूरी तरह जर्जर घोषित कर दिया है। पुल का एक हिस्सा पहले ही गिर चुका है, और अब इसके शेष भाग को भी ध्वस्त करने की प्रक्रिया लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, इस कार्य के लिए शासन की अंतिम स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।

पुल का ऐतिहासिक महत्व और संरचना
करीब डेढ़ सौ साल पहले निर्मित यह पुल कानपुर और उन्नाव जिलों को जोड़ने के लिए बनाया गया था। अपनी मजबूत संरचना और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह लंबे समय तक यातायात का मुख्य साधन रहा। लेकिन समय के साथ इसके पिलरों में दरारें आ गईं। लगभग साढ़े तीन साल पहले पुल के पिलर संख्या 2, 7, 10, और 22 में दरारें देखी गईं, जिससे इसकी संरचनात्मक मजबूती पर सवाल उठने लगे।



जांच और जर्जर घोषित करने की प्रक्रिया
पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम की शुरुआती जांच के बाद, लखनऊ से तत्कालीन प्रमुख अभियंता के नेतृत्व में एक टीम ने पुल का निरीक्षण किया और इसे जर्जर घोषित कर दिया। इस रिपोर्ट के आधार पर, 5 अप्रैल 2021 को पुल को यातायात के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर पुल के दोनों ओर दीवारें बनाकर इसे सील कर दिया गया। इसके बाद दिल्ली की सीआरआरआई (सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) टीम ने भी पुल की स्थिति का सर्वेक्षण किया और इसे मरम्मत के लायक नहीं माना।

पुल का गिरा हुआ हिस्सा और अगली कार्रवाई
पुल का एक हिस्सा पहले ही गंगा नदी में गिर चुका है। हालांकि, अभी तक इसे हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। पीडब्ल्यूडी ने इस घटना की रिपोर्ट शासन को भेज दी है और अब पुल के शेष हिस्से को गिराने की योजना बनाई जा रही है।

ये भी पढ़ें : राम मंदिर के पुजारियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी : ड्रेस कोड और मोबाइल पर रहेगा प्रतिबंध, ट्रेनिंग के बाद मिली अनुष्ठान की जिम्मेदारी

मरम्मत की संभावना खत्म
पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता रविदत्त के अनुसार, इस पुल की मरम्मत की सभी संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं। इसलिए अब इसके गिरे हुए हिस्से की जांच करने की आवश्यकता नहीं है। शासन से निर्देश मिलने के बाद, इसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया जाएगा।

Also Read