लखनऊ में पकड़े गए बिना ईवे बिल के ट्रक : कानपुर की पान मसाला फैक्टरी से माल निकलने पर चार अधिकारी निलंबित

UPT | टैक्स चोरी

Dec 29, 2024 11:35

लखनऊ जोन प्रथम की सचल इकाइयों ने लालगंज के पास चार ट्रकों को रोककर जांच की, तो उसमें शिखर पान मसाला और तंबाकू लदा हुआ पाया गया, जिसका उत्पादन दिसंबर माह में हुआ था।

Lucknow News : शिखर पान मसाला फैक्टरी से बिना ईवे बिल के चार ट्रकों का कानपुर में बाहर निकलना राज्य कर अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया। लखनऊ में ट्रकों के पकड़े जाने के बाद आलाधिकारी हरकत में आ गए। लखनऊ जोन में सचल दल इकाई ने जब वाहनों को रोककर जांच की तो इसमें टैक्स चोरी का खुलासा हुआ। इसके बाद अब राज्य कर आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने इस लापरवाही के लिए कानपुर में तैनात चार राज्य कर अधिकारियों को निलंबित कर दिया। 

बिना ईवे बिल के हुआ पान मसाले का परिवहन
लखनऊ जोन प्रथम की सचल इकाइयों ने लालगंज के पास चार ट्रकों को रोककर जांच की, तो उसमें शिखर पान मसाला और तंबाकू लदा हुआ पाया गया, जिसका उत्पादन दिसंबर माह में हुआ था। ट्रक में माल नागालैंड के दीमापुर भेजे जाने का उल्लेख था। लेकिन, बिल्टी कानपुर की गोवा लॉजिस्टिक और वीर ट्रेडर्स की मिली।



24 घंटे निगरानी के बावजूद हुई चूक 
अहम बात है कि पान मसाला और लोहे की इकाइयों में टैक्स चोरी रोकने के लिए प्रमुख सचिव राज्य कर एम. देवराज ने नवंबर के तीसरे हफ्ते में फैक्टरियों के बाहर 24 घंटे की ड्यूटी का आदेश दिया था। अधिकारियों की तैनाती के बावजूद बिना ईवे बिल के माल फैक्टरी से बाहर निकल गया। इसलिए फिलहाल चार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैंं। वहीं और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है।

इन अधिकारियों पर गिरी गाज
राज्य कर विभाग ने जिन अधिकारियों को निलंबित किया, उन्हें यहां संबद्ध किया गया है-
  • संदीप कुमार : सचल दल दशम इकाई, कानपुर (अटैच अपर आयुक्त, ग्रेड-1 इटावा)
  • जगदीश प्रसाद : संभाग सी, कानपुर (अटैच अपर आयुक्त, ग्रेड-1 आगरा)
  • जगत प्रकाश : सचल दल पंचम इकाई, कानपुर (अटैच अपर आयुक्त, ग्रेड-1 आगरा)
  • अंकुर द्विवेदी : सचल दल द्वादश इकाई, कानपुर (अटैच अपर आयुक्त, ग्रेड-1 इटावा)
प्रमुख सचिव के निर्देशों की अनदेखी पर कड़ा रुख
विगत नवंबर में दिए गए निर्देशों के अनुसार, फैक्टरियों के बाहर सचल दलों की रोस्टरवार ड्यूटी लगाई गई थी। इन निर्देशों के बावजूद टैक्स चोरी होने से साफ हुआ है कि अधिकारी कर्तव्य में लापरवाही बरत रहे हैं। शासन के आलाधिकारियों के अनुसार, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी और कठोर की जाएगी। टैक्स चोरी रोकने के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। वरिष्ठ अधिकारियों पर भी जांच के बाद कार्रवाई होने की संभावना है।
 

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