यूपी वालों के लिए जरूरी खबर : परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का जन्म पंजीकरण अनिवार्य, प्रधानाचार्य करेंगे जरूरी जानकारी अपलोड

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Sep 29, 2024 12:01

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अब जन्म पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने शासन के निर्देशों के तहत बीएसए...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अब जन्म पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने शासन के निर्देशों के तहत बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) को इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, विद्यार्थियों का जन्म प्रमाण पत्र नंबर और आधार कार्ड संख्या भी निर्धारित पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। 

आधार कार्ड के बाद अब जन्म प्रमाण पत्र भी अनिवार्य
कुछ समय पहले परिषदीय विद्यालयों के छात्रों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया गया था। इसकी वजह यह थी कि बच्चों को सरकार की योजनाओं के तहत ड्रेस, बैग, जूते-मोजे आदि के लिए मिलने वाली धनराशि केवल आधार से जुड़े खातों में ही भेजी जा सकती थी। हालांकि, आधार कार्ड बनवाने में कई अभिभावकों और छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। अभी भी कई छात्रों के अभिभावकों के आधार कार्ड नहीं बन सके हैं, जिसके कारण कई बच्चे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से वंचित रह गए हैं। 



प्रधानाचार्य करेंगे पंजीकरण
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने शासन के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि परिषदीय विद्यालयों के सभी छात्रों का जन्म पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य और प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे सत्र की शुरुआत में ही इस प्रक्रिया को पूरा करें। छात्रों के जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड संख्या को भी संबंधित पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। 

शिक्षकों की चिंता
शिक्षकों का कहना है कि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया आसान नहीं है, खासकर तब जब बच्चे का जन्म एक साल से अधिक समय पहले हुआ हो। ऐसे मामलों में एफिडेविट और शुल्क देना पड़ता है, जिससे अतिरिक्त खर्च और कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षकों ने सवाल उठाया है कि इस प्रक्रिया के लिए बजट कहां से आएगा और नगर निगम व अन्य कार्यालयों के चक्कर कौन लगाएगा। आधार कार्ड बनवाने के मामले में भी पूर्व में निर्देश तो दिए गए थे, लेकिन इसके लिए कोई सुविधा या सहायता नहीं दी गई थी, जिससे शिक्षकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। अब जन्म पंजीकरण की नई अनिवार्यता से यह समस्या और बढ़ सकती है। 

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