CBI ने शुरू की आउटर रिंग रोड निर्माण धांधली की जांच : NHAI ऑफिस से दस्तावेज जब्त, NOC देने वाले अफसर निशाने पर

UPT | आउटर रिंग रोड

Nov 30, 2024 11:37

सीबीआई की जांच का फोकस सड़क निर्माण में शामिल ठेकेदारों पर है। यह देखा जा रहा है कि सड़क निर्माण में निर्धारित मानकों का पालन किया गया था या नहीं। सभी पहलुओं की जांच के लिए ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।

Lucknow News : शहर के बड़े प्रोजेक्ट आउटर रिंग रोड के निर्माण में हुई गड़बड़ियों को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सक्रियता दिखाते हुए जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के विभूतिखंड स्थित कार्यालय से प्रोजेक्ट से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। इसके साथ ही, निर्माण कार्य में शामिल संस्थाओं और ठेकेदारों की भूमिका की गहनता से जांच की जा रही है।

गुजरात की फर्म पर सवाल, काम अधूरा छोड़ने का आरोप
आउटर रिंग रोड के निर्माण का टेंडर गुजरात की मेसर्स सद्‌भाव इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिया गया था। लेकिन, यह फर्म तय समय पर निर्माण पूरा करने में नाकाम रही। इस वजह से 14 सितंबर 2022 को एनएचएआई ने फर्म के साथ एग्रीमेंट समाप्त कर दिया। बाद में यह काम गुड़गांव की गावर कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया। गावर कंस्ट्रक्शन और सद्‌भाव इंजीनियरिंग के बीच हुए ट्राईपैड एग्रीमेंट के बाद सड़क बनाई गई, लेकिन निर्माण के केवल सात महीने के भीतर ही सड़क उखड़ने लगी।



सीबीआई ने जब्त किए एनएचएआई के दस्तावेज
जानकारी के अनुसार, सीबीआई की आठ सदस्यीय टीम करीब एक सप्ताह पहले एनएचएआई के लखनऊ कार्यालय पहुंची। टीम में दिल्ली के तीन और लखनऊ सेक्टर के पांच अधिकारी शामिल थे। उन्होंने आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज खंगाले और इन्हें अपने कब्जे में लिया।

ठेकेदारों और सामग्री की गुणवत्ता पर जांच
सीबीआई की जांच का फोकस सड़क निर्माण में शामिल ठेकेदारों पर है। यह देखा जा रहा है कि सड़क निर्माण में निर्धारित मानकों का पालन किया गया था या नहीं। सभी पहलुओं की जांच के लिए ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।
जांच के अहम बिंदु :
  • निर्माण सामग्री की गुणवत्ता
  • सड़क की ऊंचाई और तारकोल का सही उपयोग
  • एक्सीलरेटर रोड और नालियों का निर्माण
  • निर्माण प्रक्रिया में मिली एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र)
गोमतीनगर पुलिस भी कर रही जांच
आउटर रिंग रोड निर्माण घोटाले में केवल सीबीआई ही नहीं, बल्कि गोमतीनगर और कानपुर पुलिस भी जांच में जुटी हुई हैं। गोमतीनगर थाने में कोर्ट के आदेश पर सद्‌भाव इंजीनियरिंग लिमिटेड और गावर कंस्ट्रक्शन के निदेशकों और पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनमें शशिन वी पटेल, तरंग मधुकर देसाई, और रोहित मोदी सहित कई प्रमुख नाम शामिल हैं।

सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद हरकत में आई सीबीआई
इसके साथ ही कानपुर की फर्म एआरवाई एंटरप्राइजेज की रीतू अग्रवाल ने अदालत में प्रार्थना पत्र दायर कर सद्‌भाव इंजीनियरिंग के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं। आउटर रिंग रोड के निर्माण में अनियमितताओं की बात लगातार सामने आ रही थी। सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे थे। इसके बाद, सीबीआई ने मामले को जांच के दायरे में लिया।

अनियमितताओं में अधिकारियों की भूमिका पर नजर
सीबीआई जांच के दौरान उन अधिकारियों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिन्होंने निर्माण प्रक्रिया में एनओसी और अन्य अनुमतियां जारी की थीं। माना जा रहा है कि ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच मिलीभगत के कारण यह घोटाला सामने आया। लखनऊ की आउटर रिंग रोड परियोजना राज्य में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने और यातायात दबाव को कम करने के लिए शुरू की गई थी। यह परियोजना राजधानी को चारों ओर से जोड़ते हुए यातायात के सुगम प्रवाह का वादा करती थी। लेकिन निर्माण में हुई अनियमितताओं ने इसकी गुणवत्ता और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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