Lucknow News : लखनऊ में डेंगू पड़ने लगा कमजोर, सिर्फ पांच नए मरीज आए सामने

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 29, 2024 19:33

लखनऊ में पिछले कई महीनों से फैला डेंगू का प्रकोप अब कमजोर होने लगा है। दर्जनों मरीजों से घटकर प्रतिदिन मरीज की संख्या शुक्रवार को महज पांच पर पहुंच गई है।

Lucknow News : शहर में डेंगू का प्रकोप अब धीमा होता दिख रहा है। बरसात के बाद से फैले मच्छरों के कारण सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंचे, लेकिन नवंबर के अंतिम दिनों में मरीजों की संख्या में कमी आई है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं और जनता को जागरूक करने का अभियान तेज कर दिया गया है।

डेंगू के मामलों को लेकर स्थिति
शुक्रवार को लखनऊ में डेंगू के सिर्फ पांच नए मरीज सामने आए। ये मरीज काकोरी, ऐशबाग, सरोजनी नगर, चिनहट और चंदरनगर क्षेत्रों से रिपोर्ट किए गए। इसके अतिरिक्त, चिनहट क्षेत्र में मलेरिया का एक मरीज भी मिला। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, डेंगू के मामलों में गिरावट राहत देने वाली है। लेकिन, सतर्कता अभी भी जरूरी है।



मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण
स्वास्थ्य विभाग ने 765 घरों और आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया। रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी घर में मच्छरजनित स्थितियां नहीं पाई गईं। जिला मलेरिया अधिकारी और नगर मलेरिया इकाई ने प्रभावित क्षेत्रों में लार्वा रोधी रसायनों का छिड़काव किया। इस कदम का उद्देश्य मच्छरों के प्रजनन को रोकना और नए मामलों की संख्या को न्यूनतम करना है।

जनता को किया गया जागरूक
क्षेत्रीय जनता को घर के आस-पास पानी जमा न होने, पानी से भरे हुए बर्तन एवं टंकियों को ढककर रखने, हर सप्ताह कूलर के पानी को खाली करके साफ कपड़े से पोछ कर सूखा एवं साफ करने के बाद ही पुनः प्रयोग में लाने, पूरी बांह के कपड़े पहनने, बच्चों को घर से बाहर न निकलने, मच्छर रोधी क्रीम लगाने एवं मच्छरदानी में रहने तथा डेंगू एवं मच्छर जनित रोगों से बचाव हेतु 'क्या करें, क्या न करें' संबंधित स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की गई।

मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के बताए उपाय 
स्वास्थ विभाग से जुड़ी टीमों ने मोहल्लों में जाकर मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के उपाय बताएं। इनमें वाटर टैंक व कंटेनरों को ढक कर रखने, घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने देने, अनावश्यक कंटेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने देने और तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करने की बात कही गई। साथ ही प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी बदलने, कूलर आदि में ज्यादा दिनों तक पानी जमा न होने देने के साथ बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदलने की अपील की गई।

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