यूपी में पहली बार भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत केस दर्ज : जानें प्रक्रिया और विदेश में प्रॉपर्टी कैसे की जा सकती है जब्त

UPT | fugitive economic offenders act 2018

Sep 26, 2024 19:00

आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया जा सकता है, अगर उसके खिलाफ किसी अपराध के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, जिसमें 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि शामिल है। वह देश छोड़कर चला गया है और अभियोजन का सामना करने के लिए वापस आने से इनकार करता हो।

Lucknow News : हजारों करोड़ की ठगी के आरोप में रियल एस्टेट कंपनी शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राशिद नसीम की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। राशिद नसीम लंबे से दुबई में है और अब उस पर शिकंजा कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज किया है। ये केस इसलिए भी अहम है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में पहली बार इसके तहत मामला दर्ज किया गया है। राशिद नसीम पर 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का आरोप है। 

विजय माल्या, नीरव मोदी की सूची में राशिद नसीम का भी नाम शामिल
लखनऊ सहित देश के अलग अलग हिस्सों में राशिद नसीम पर दर्ज मुकदमों की सूची काफी लंबी है। गोमतीनगर थाने में ही उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा उससे जुड़े लोगों पर भी लगातार शिकंजा कसा जा रहा है और उनकी गिरफ्तारी हो रही है। लेकिन इस बार Fugitive Economic Offender Act-FEO के तहत केस दर्ज होने के बाद ईडी की ओर से दावा किया जा रहा है कि राशिद नसीम की 127.98 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त करने का रास्ता खुलेगा। ईडी के मुताबिक इन कंपनियों का संचालन राशिद नसीम और उसके सहयोगियों के जरिए किया जा रहा है। इस अधिनियम के तहत विदेशों में इन संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है, जिससे निवेशकों की वसूली की जा सकेगी। देश में यह कानून पूर्व में विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे भगोड़ों के खिलाफ भी इस्तेमाल किया गया है।



आर्थिक अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया
इस एक्ट के तहत किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया जा सकता है, अगर उसके खिलाफ किसी अपराध के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, जिसमें 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि शामिल है। वह देश छोड़कर चला गया है और अभियोजन का सामना करने के लिए वापस आने से इनकार करता हो। किसी व्यक्ति को एफईओ घोषित करने के लिए, एक विशेष न्यायालय (धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत नामित) में एक आवेदन दायर किया जाता है, जिसमें जब्त की जाने वाली संपत्तियों का विवरण और व्यक्ति के ठिकाने के बारे में जानकारी दी जाती है। विशेष न्यायालय का नोटिस जारी होने से कम से कम छह सप्ताह के भीतर व्यक्ति को उपस्थित होना होता है। एफईओ घोषित होने पर किसी व्यक्ति की संपत्ति जब्त की जा सकती है और केंद्र सरकार को सौंपी जा सकती है। यह संपत्ति किसी भी तरह के अधिकार और दावे से मुक्त होगी। इसके अलावा एफईओ या उससे जुड़ी किसी भी कंपनी को सिविल दावे दायर करने या उनका बचाव करने से रोका जा सकता है। राशिद नसीम के मामले में एफईओ की शर्तें लागू होने के कारण इस एक्ट के तहत उस पर कार्रवाई की गई है।

अंतरराष्ट्रीय कारोबार और संपत्ति जब्त करने की तैयारी
आरोप है कि राशिद नसीम भारत से फरार होने के बाद विदेश में अपने कारोबार को आगे बढ़ रहा है। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के साथ उसके दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में हीरे का कारोबार करने के आरोप लगते रहे हैं। ये भी आरोप है कि राशिद ने निवेशकों की रकम को शेल कं​पनियों के जरिए ठिकाना लगाया। शेल कंपनियां वे कंपनियां हैं, जो आमतौर पर केवल कागजों पर चलती हैं और रुपए का लेनदेन नहीं करती। लेकिन, मनी लॉन्ड्रिंग का आसान जरिया होती हैं। कहा जा रहा है कि राशिद नसीम ने शेल कंपनियों के जरिये अपनी विदेश की कंपनियों के खातों में निवेशकों का धन ट्रांसफर किया। इनके जरिए कई संपत्तियों की खरीद की गई। अब प्रवर्तन निदेशालय इन संपत्तियों को चिह्नित कर जब्त करने की कार्रवाई करने की तैयारी में है। 

शाइन सिटी घोटाला
शाइन सिटी घोटाला उत्तर प्रदेश का एक बड़ा निवेश घोटाला है, जिसमें कंपनी ने हजारों निवेशकों से सस्ते प्लॉट और फ्लैट देने के नाम पर 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। इस घोटाले के बाद राशिद नसीम दुबई में है। ईडी के मुताबिक इस कार्रवाई से निवेशकों को राहत मिलने की उम्मीद है।

राशिद नसीम ने दी सफाई
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद राशिद नसीम ने फेसबुक में Rashid Naseem Official पेज के जरिए अपना पक्ष रखा है। राशिद नसीम के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश के बाद एजेंसी ने पेपर वर्क के तहत ये कार्रवाई की है। इसके बाद उसकी ओर से कोर्ट में पुख्ता तरीके से अपना पक्ष रख जाएगा, जिससे सच्चाई सामने आ जाएगी। राशिद ने दावा किया है कि उसकी विदेश में कोई प्रॉपर्टी नहीं है। वर्ष 2019 के बाद से उसकी कंपनी से जुड़े कई लोग निवेशकों का धन हड़प कर बैठे हैं। इन लोगों ने कंपनी में रकम जमा करने के बजाय अपने पास रख ली, जिसकी वजह से निवेशक परेशान हैं। राशिद ने दावा किया कि अब मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच में सारे आरोपों की पोल खुल जाएगी और वह कंपनी के नाम पर रुपये हड़पने वालों को कानूनी रूप से सजा दिलाएगा, इसके लिए उसने रिट दायर करने की भी बात कही है।

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