Hardoi News : हरदोई में रिटायर रेलकर्मी के बेटे ने नीट प्रवेश परीक्षा में 680 रैंक हासिल कर जिले का नाम किया रोशन

UPT | सत्येंद्र कुमार मौर्य।

Jun 06, 2024 01:54

सफल प्रतिभागी सत्येंद्र कुमार मौर्य ने बताया कि बचपन में मां का बीमारी के कारण निधन हो गया था। पिता रेलकर्मी होने के कारण अक्सर बाहर रहते थे। बड़े भाई अरविंद मौर्य के मार्गदर्शन से सत्येंद्र कुमार मौर्य को...

Short Highlights
  • मां की मृत्यु के बाद शिक्षण कार्य को आगे बढ़ाने में बड़े भाई ने दिया छोटे भाई का साथ 
  • सफलता के बाद गांव व कस्बे के लोगों में खुशी का माहौल, साथी दे रहे बधाई
  • हरदोई के देवनपुर गांव के रहने वाले हैं सत्येंद्र कुमार मौर्य।
Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के कछौना क्षेत्र में सेवानिवृत्त रेलकर्मी के पुत्र सत्येंद्र कुमार मौर्य निवासी देवनपुर के नीट प्रवेश परीक्षा में सफल होने से परिवार व गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीण क्षेत्र में युवा छात्र ने सीमित संसाधनों में सफलता प्राप्त कर मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणादायक बना।   नीट की परीक्षा में अव्वल आकर सत्येंद्र ने जिले का नाम किया रोशन हरदोई के विकास खंड कछौना की ग्राम सभा पतसेनी देहात के ग्राम देवनपुर निवासी सेवानिवृत्त रेलकर्मी ओमप्रकाश मौर्य के 22 वर्षीय पुत्र सत्येंद्र कुमार मौर्य ने तीसरे प्रयास में 685 रैंक पाकर नीट की परीक्षा उत्तीर्ण की। सत्येंद्र कुमार मौर्य ने इंटर तक की शिक्षा जानकी प्रसाद इंटर कॉलेज कछौना से ग्रहण की। बचपन से ही स्वास्थ्य सेवाओं में जाने का लक्ष्य बना रखा था। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं की बदहाल हैं। लोगों का कैसे इलाज के अभाव में जीवन बदहाल है।   कड़े परिश्रम में बड़े भाई ने दिया छोटे भाई का साथ  सफल प्रतिभागी सत्येंद्र कुमार मौर्य ने बताया कि बचपन में मां का बीमारी के कारण निधन हो गया था। पिता रेलकर्मी होने के कारण अक्सर बाहर रहते थे। बड़े भाई अरविंद मौर्य के मार्गदर्शन से सत्येंद्र कुमार मौर्य को कुछ अलग और बेहतर करने की ताकत मिली। वर्तमान समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी गंदगी आ गई है। सेवा भाव के स्थान पूरी तरह से व्यावसायिक हो गये हैं। रुपये के खातिर मेडिकल सेवा में कुछ लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं। हम अपने दया, करुणा, सेवा भाव से लोगों की सेवा करते रहेंगे जिससे हमारा जीवन सार्थक हो जाए। मेडिकल क्षेत्र की तैयारी कर रहे युवा साथियों से कहना है कि आपका लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। पढ़ाई में कठिन परिश्रम व निरंतरता बनाए रखें। लक्ष्य को ध्यानगत रखते हुए धैर्यपूर्वक लगे रहें, सफलता निश्चित मिलेगी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय गुरुजनों, पिता व बड़े भाई को दिया। बिना किसी कोचिंग के सफलता अर्जित की। ऑनलाइन का सही प्रयोग कर सफलता अर्जित की। इस सफलता से गांव व कस्बे का नाम रोशन किया, वहीं युवा साथियों को प्रेरणा भी दी।

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