तीन महिलाओं ने युवक को पीटा : थप्पड़ और चप्पल मारने का वीडियो वायरल, पुलिस ने हिरासत में लिया 

UPT | युवक से मारपीट करतीं महिलाएं।

Nov 23, 2024 12:39

उत्तर प्रदेश के हरदोई मेडिकल कॉलेज में मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर हुए विवाद में तीन महिलाओं ने युवक की पिटाई कर दी। थप्पड़ और चप्पल मारने का वीडियो वायरल हो रहा है।

Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मेडिकल कॉलेज में दबंगई का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां तीन महिलाओं ने एक युवक की जमकर पिटाई की। थप्पड़ और चप्पल से युवक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। महिलाओं ने युवक का कॉलर पकड़कर बेदर्दी से मारा, जबकि युवक छोड़ देने की  मांग करता नजर आया।



मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराने को लेकर हुआ विवाद
मामला हरदोई मेडिकल कॉलेज के गेट का है, जहां सोनी, स्नेहलता और विनीता नामक महिलाओं ने नितिन यादव नामक युवक की पिटाई कर दी। वीडियो में दिख रहा है कि एक महिला थप्पड़ों की बारिश कर रही है, दूसरी चप्पल से पीट रही है, जबकि तीसरी महिला बीच-बीच में युवक का कॉलर पकड़ रही है। घटना के वक्त तमाशबीन लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे। महिलाओं ने युवक पर पैसे ट्रांसफर करवाने का दबाव बनाया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों महिलाओं को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। हरदोई के मेडिकल कॉलेज में मरीजों की खरीद-फरोख्त का नेक्सस काफी समय से सक्रिय है। एजेंट और प्राइवेट एंबुलेंस चालक भोले-भाले मरीजों और उनके परिजनों को फुसलाकर प्राइवेट अस्पतालों में ले जाते हैं। इस प्रक्रिया में एजेंट को मोटी रकम मिलती है। वायरल वीडियो में दिख रहा विवाद भी इसी लेन-देन को लेकर था। महिलाएं युवक से पैसे ट्रांसफर करने की मांग कर रही थीं।

मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सख्ती
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल जेबी गोगोई ने बताया कि मरीजों की खरीद-फरोख्त की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। महिला और पुरुष अस्पतालों के सीएमएस को पत्र लिखकर मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, हरदोई के सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने बताया कि तीनों महिलाओं को हिरासत में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सरकारी अस्पतालों में एजेंट का खेल
हरदोई मेडिकल कॉलेज समेत कई सरकारी अस्पतालों में एजेंट मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वे गरीब और अनजान मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा देकर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करवाते हैं। कई मामलों में इलाज के दौरान मरीजों की मौत तक हो जाती है। इस काम में कुछ स्थानीय आशा कार्यकर्ताओं के शामिल होने की भी आशंका है। जिला प्रशासन को इस मामले में कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। 

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