Lucknow News : केशव मौर्य बोले-कांग्रेस को जड़ से उखाड़ने का दम भरने वाला लालू-मुलायम परिवार आज बना उनकी बैसाखी

UPT | डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य।

Aug 19, 2024 23:47

अखिलेश यादव के सोशल पोस्ट को लेकर भाजपा की ओर से उन पर हमला बोला गया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा कि चांदी के चम्मच मुंह में लेकर पैदा हुए, किसी गरीब के संघर्ष को क्या जाने ? अपने को जन्मजात राजा मानने वाले हमेशा दूसरों को रंक ही मानते हैं। राहुल गांधी के दरबारियों को यह कहां समझ आएगा।

Short Highlights
  • भाजपा रणनीति के तहत कांग्रेस से दोस्ती को लेकर अखिलेश यादव पर है हमलावर
  • केशव प्रसाद मौर्य अखिलेश को कांग्रेस का मोहरा से लेकर बता रहे दरबारी
Lucknow News : यूपी की सियासत इन दिनों भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच जुबानी जंग के ईद गिर्द घूम रही है। हर दिन दोनों ओर से किसी न किसी मुद्दे पर एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाने के साथ तंज कसे जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी की ओर से जहां अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाला हुआ है, वहीं सत्तापक्ष से केशव प्रसाद मौर्य जवाबी हमला कर रहे हैं। अखिलेश यादव के सोमवार को प्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाए जाने की उपयोगिता के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सवाल उठाए गए तो केशव मौर्य ने भी उन पर जवाबी हमला बोला।  

गांधी परिवार के पिछलग्गू बना लालू-मुलायम परिवार
केशव मौर्य ने कहा कि कांग्रेस को कभी जड़ से उखाड़ने का दम भरने वाले लालू और मुलायम परिवार आज दोनों खुद ही कांग्रेस के बैसाखी बन चुके हैं। पिछड़ा वर्ग की राजनीति का दम भरने वाले यह दोनों परिवार उस कथित गांधी परिवार के पिछलग्गू बने हुए हैं जिसने दशकों तक पिछड़ों का खून चूसा। केशव प्रसाद ने इससे पहले कहा कि दीदी ममता बनर्जी के बचाव में निर्ममतापूर्वक दलील देने वाले राहुल गांधी के दरबारी अखिलेश यादव पूरी तरह बलात्कारियों के पैरोकार हो गए हैं। उन्होंने लड़कों से गलती हो जाती है कि यादें ताजा कर दिया है। उन्हें राजनीति छोड़ बलात्कारियों का वकील बन जाना चाहिए।

चांदी के चम्मच मुंह में लेकर पैदा होने वाले दूसरों को मानते हैं रंक
वहीं अखिलेश यादव के सोशल पोस्ट को लेकर भाजपा की ओर से उन पर हमला बोला गया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा कि चांदी के चम्मच मुंह में लेकर पैदा हुए, किसी गरीब के संघर्ष को क्या जाने ? अपने को जन्मजात राजा मानने वाले हमेशा दूसरों को रंक ही मानते हैं। राहुल गांधी के दरबारियों को यह कहां समझ आएगा। आलोक अवस्थी ने ये टिप्पणी अखिलेश यादव की उस पोस्ट पर की, जिसमें उन्होंने कहा, कोई ‘उप’ डबल हार के ‘उपहार’ के बाद भी डबल इंजन का प्रशंसा-प्रमाणपत्र बांट रहे हैं। अगर माननीय सही काम कर रहे होते तो दो ‘उप मुख्यमंत्री’ की क्या जरूरत पड़ती। उन्होंने कहा कि इसका मतलब या तो वो सही काम नहीं कर रहे हैं या फिर बाकी दो बेकाम हैं, नाकाम हैं, और उनका काम दरबारी चारण की तरह करना बस स्तुतिगान है। अगर उप सच में उपयोगी होते हैं, तो दिल्ली के मंडल में भी होने चाहिए थे, परंतु हैं नहीं! इसका जवाब देंगे ‘उप’ या रहेंगे ‘चुप’?

कांग्रेस और सपा की दोस्ती भाजपा को नहीं आ रही रास
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही सपा और कांग्रेस पर एक खास अंदाज में हमलावर बने हुए हैं। भाजपा की ओर से दोनों दलों की दोस्ती पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अखिलेश यादव को लगातार कांग्रेस का मोहरा से लेकर उनका दरबारी कहकर संबोधित किया जा रहा है। दरअसल सपा के साथ की वजह से ही यूपी में कांग्रेस का ग्राफ बढ़ा है और वह छह लोकसभा सीटें जीतने में सफल हुई। कांग्रेस ने अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, सहारनपुर व इलाहाबाद लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। इसकी अहम वजह उसका लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन रहा। सपा से दोस्ती की वजह से ही कांग्रेस ने अपना गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में जोरदार वापसी की और किशोरी लाल पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को हराने में सफल हुए।

कांग्रेस से दोस्ती को लेकर अखिलेश पर हमलावर होने के पीछे भाजपा की रणनीति
भाजपा रणनीतिकार इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि सपा और कांग्रेस की दोस्ती की वजह से ही उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा। राहुल गांधी भी रायबरेली से जीत हासिल करने में सफल रहे। ऐसे में पार्टी रणनीति के तहत अखिलेश यादव पर मानसिक दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। बार-बार अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर कांग्रेस से दोस्ती को लेकर तंज कसा जा रहा है। कांग्रेस उपचुनाव में भी सपा के साथ की बदौलत अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटी है। ऐसे में भाजपा को लगता है कि कांग्रेस अगर एक भी सीट जीतने में सफल हुई तो फिर उसका मनोबल बढ़ जाएगा और पार्टी इसे पूरे देश में मुद्दा बनाएगी। ऐसे में अखिलेश यादव पर कांग्रेस से दोस्ती को लेकर जुबानी हमला तेज किया जा रहा है। अगर किसी वजह से कांग्रेस और सपा की राहें अलग अलग होती हैं, तो भाजपा इसका फायदा उठाने में सफल होगी। 

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