यूपी में भी चल रही स्विट्जरलैंड जैसी पढ़ाई : अध्ययन के साथ-साथ दिया जा रहा कौशल प्रशिक्षण, मिलेंगे रोजगार के बेहतर अवसर

UPT | स्कूलों में छात्रों को दिया जा रहा कौशल प्रशिक्षण

Sep 29, 2024 14:42

इस वर्ष, सरकार का लक्ष्य 1 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। शैक्षिक सत्र 2024-25 में इस योजना का विस्तार करके इसे प्रदेश के चयनित माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा...

Short Highlights
  • छात्रों के कौशल विकास के लिए चलाया जा रहा ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ 
  • सरकार का लक्ष्य 1 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है
  • इससे छात्रों को बेहतर रोजगार का अवसर मिलेगा
Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों के कौशल विकास को बढ़ावा देने और युवाओं को उनके भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस वर्ष, सरकार का लक्ष्य 1 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। शैक्षिक सत्र 2024-25 में इस योजना का विस्तार करके इसे प्रदेश के चयनित माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा। प्रोजेक्ट प्रवीण केवल युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करने का कार्य नहीं कर रहा है, बल्कि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए भी सक्षम बना रहा है।

हर दिन दी जाती है 90 मिनट की ट्रेनिंग
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों के अनुसार, कौशल प्रशिक्षण को औपचारिक शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अध्ययन कर रहे छात्रों और छात्राओं को उनके नियमित पाठ्यक्रम के साथ निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अब तक 315 सरकारी विद्यालयों में 63,000 से अधिक विद्यार्थियों को इस प्रशिक्षण का लाभ मिल चुका है।



2022-23 में हुई थी शुरुआत
इस कार्यक्रम में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को हर दिन 90 मिनट का कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यावसायिक कौशल से लैस करना है, ताकि वे बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। प्रोजेक्ट प्रवीण की शुरुआत 2022-23 में हुई थी और इसकी सफलता को देखते हुए इसे 2024-25 के नए वित्तीय वर्ष में और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

कार्यक्रम को लेकर दिए गए दिशा-निर्देश
कौशल विकास मिशन के निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रोजेक्ट प्रवीण का संचालन किया जाएगा। सभी जिलों के समन्वयकों को इस कार्यक्रम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो अलग-अलग जॉब रोल का चयन किया जाएगा और हर बैच में 35 छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर एक या दो जॉब रोल का चुनाव किया जाएगा, ताकि उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके, जहां रोजगार के अधिक अवसर मौजूद हैं और जिनमें छात्रों की रुचि है।

छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
वहीं महिला सशक्तीकरण को ध्यान में रखते हुए, इस योजना में बालिकाओं को जोड़ने के लिए विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। चयनित बालिका विद्यालयों में अधिक से अधिक लड़कियों को इस कौशल विकास योजना से लाभान्वित करने की कोशिश की जाएगी। यह पहल महिला छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी और उन्हें बेहतर भविष्य के अवसर उपलब्ध कराने में मदद करेगी।

बच्चों के पसंदीदा क्षेत्र की ट्रेनिंग
गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड की शिक्षा प्रणाली, जिसे विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की 2023 वैश्विक नवाचार रिपोर्ट में पहले स्थान पर रखा गया है, को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। यहां की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली (VET) बच्चों को उनकी पढ़ाई के साथ-साथ उनके रुचि के क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करती है। इस स्विस मॉडल की तर्ज पर यूपी का प्रोजेक्ट प्रवीण भी तैयार किया गया है, जिससे नवाचार के क्षेत्र में विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

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