लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र तुषार की बड़ी उपलब्धि : गणतंत्र दिवस परेड शिविर के लिए हुआ चयन

UPT | लखनऊ विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के छात्र तुषार राणा।

Dec 14, 2024 20:46

लवि के ललित कला संकाय के छात्र तुषार राणा ने अपनी कला और समर्पण के बल पर गणतंत्र दिवस परेड शिविर 2025 के लिए चयनित होकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

Lucknow News : लखनऊ विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के छात्र तुषार राणा ने अपनी कला और समर्पण के बल पर गणतंत्र दिवस परेड शिविर 2025 के लिए चयनित होकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनकी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नृत्य-कला में अद्वितीय दक्षता ने उन्हें यह गौरव दिलाया।

गणतंत्र दिवस कला का प्रदर्शन
तुषार का चयन उनकी कड़ी मेहनत और पूर्व गणतंत्र दिवस शिविर में शानदार प्रदर्शन का परिणाम है, जहां उनकी प्रस्तुतियों ने दर्शकों और निर्णायकों का दिल जीत लिया। अब तुषार दिल्ली के प्रतिष्ठित कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बनेंगे और अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर तुषार को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का मौका भी मिलेगा, जो किसी भी कलाकार के लिए गर्व का क्षण होता है।



शिक्षकों की प्रेरणा का फल
तुषार ने अपनी इस उपलब्धि को अपने परिवार और गुरुजनों को समर्पित करते हुए कहा यह चयन शिक्षकों की प्रेरणा और माता-पिता के आशीर्वाद का फल है। उन्होंने मुझे अपने सपनों को पंख देना सिखाया। तुषार की इस सफलता पर कुलपति ने भी शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा की छात्र की सफलता विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। उनका यह कदम आने वाले युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

इतिहास को समझने के लिए उसकी पृष्ठभूमि समझे
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव के तहत काकोरी ट्रेन एक्शन, उपनिवेशवाद विरोधी प्रतिरोध और इसके व्यापक निहितार्थ पर व्याख्यान हुआ। मुख्य अतिथि इलाहाबाद विवि के पूर्व डीन प्रो. हेरम्ब चतुर्वेदी रहे। उन्होंने बताया कि इतिहास को भली-भांति समझने के लिए जरूरी है कि उसकी पृष्ठभूमि को समझा जाए। काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना को समझने के लिए वर्ष 1905 के बंगाल विभाजन की ओर रुख करना होगा। जहां से क्रांतिकारी आंदोलन की चिंगारी को बढ़ावा मिला।

ज्ञान पाने लिए अच्छी पुस्तकें पढ़ना जरूरी
प्रोफेसर चतुर्वेदी ने यह भी संदेश दिया कि छात्र ज्ञान प्राप्ति के लिए अच्छी पुस्तकों और विद्वानों के व्याख्यानों का अनुसरण करें। जो उन्हें सत्य ज्ञान और तार्किक दृष्टि प्रदान करने में सहायक होगा। युवा पीढ़ी को भ्रमित होने से रोकेगा। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन शोध छात्रा अंजली द्विवेदी और प्रज्ञा सिंह ने किया। निर्देशिका डॉ. आकांक्षा सिंह रहीं। प्रो. अमिता बाजपेयी, प्रो. मुनेश कुमार, डॉ. अर्पणा गोडबोले, डॉ. किरण लता, डॉ. नीतू सिंह, डॉ बीना, डॉ. सूर्य नारायण और डॉ. देवेन्द्र यादव समेत सैकड़ों शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Also Read