यूपी की ब्यूरोक्रेसी में जल्द होगा बड़ा फेरबदल : बदल सकते हैं पांच जिलों के डीएम, सचिव और प्रमुख सचिवों की कमी

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Dec 12, 2024 01:27

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में जल्द ही बड़ा फेरबदल करने वाली है। इस फेरबदल में सबसे पहले पांच जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) के पदों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में जल्द ही बड़ा फेरबदल करने वाली है। इस फेरबदल में सबसे पहले पांच जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) के पदों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। यह फेरबदल आईएएस अफसरों की पदोन्नति के बाद किया जाएगा।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक एक या दो दिनों में आयोजित की जाएगी, जिसमें आईएएस अफसरों की पदोन्नति पर सहमति बन सकती है। यह फेरबदल एक जनवरी से प्रभावी होगा। इसके बाद पांच प्रमुख जिलों—लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, मथुरा और कानपुर नगर के जिलाधिकारियों के स्थानांतरण की संभावना है।

सचिव स्तर के अफसरों की भारी कमी
उत्तर प्रदेश में इस समय प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अफसरों की भारी कमी हो रही है। इस कारण अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों को विभिन्न विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके चलते विभागीय पदोन्नति के बाद नए पदों पर नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों का तबादला किया जा सकता है।



इन अफसरों को सचिव से प्रमुख सचिव बनने की संभावना
इस फेरबदल में 2000 बैच के कुछ आईएएस अफसरों को सचिव से प्रमुख सचिव बनाए जाने की संभावना है। इनमें सौरभ बाबू, दीपक अग्रवाल, अमित गुप्ता, मनीष चौहान, धनलक्ष्मी के, रंजन कुमार, अनुराग यादव और रणवीर प्रसाद शामिल हैं। इनमें से दीपक अग्रवाल ऐसे अफसर हैं जो वर्तमान में दिल्ली में तैनात हैं, इसलिए सचिव से प्रमुख सचिव बनने वाले अफसरों को विभागाध्यक्ष के रूप में तैनात किया जाएगा।

डीआईजी के पद पर मिली प्रोन्नति
वहीं, 2009 बैच के आईएएस अफसरों को विशेष सचिव से सचिव बनाने की योजना है। ऐसे अफसरों को शासन में सचिव या फिर मंडलायुक्त के पद पर तैनात किया जाएगा, जिससे कुछ मंडलायुक्तों के भी तबादले हो सकते हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2009 बैच के अधिकारी अतुल शर्मा को उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर प्रोन्नति दी गई है। उनके खिलाफ लंबित विभागीय कार्रवाई को बिना किसी दंड के समाप्त कर दिया गया, जिसके बाद उन्हें यह पदोन्नति प्रदान की गई है।

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