यूपी बनेगा शोध केंद्र : राज्य विश्वविद्यालयों को शोध कार्यों के लिए मिला 57.38 लाख का अनुदान

UPT | उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

Sep 26, 2024 22:16

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि शोध और अनुसंधान शिक्षा की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। राज्य सरकार का यह कदम विश्वविद्यालयों में शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) योजना के अंतर्गत शोध कार्यों के लिए 57.38 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है। यह अनुदान प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध कार्यों की गुणवत्ता में सुधार और नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदान किया गया है।

विश्वस्तरीय शोध का वातावरण 
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि शोध और अनुसंधान शिक्षा की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। राज्य सरकार का यह कदम विश्वविद्यालयों में शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल शिक्षण संस्थानों में शोध के लिए नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि छात्रों को भी एक विश्वस्तरीय शोध वातावरण प्राप्त होगा। मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि इस अनुदान का वितरण उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद, लखनऊ में गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जा रहा है। समिति ने विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रस्तुत प्रस्तावों की गहन समीक्षा की। इसके बाद राज्यपाल ने समिति की अनुशंसा के आधार पर यह अनुदान मंजूर किया गया है।



अनुदान प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय
आरएंडडी योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों में लखनऊ विश्वविद्यालय, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय (बरेली), महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (वाराणसी), वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (जौनपुर), और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय (कपिलवस्तु, सिद्धार्थ नगर) शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 57 लाख 38 हजार 800 रुपये की धनराशि मंजूर की गई है, जो निर्धारित शर्तों और नियमों के अनुसार वितरित की जाएगी।

प्रदेश बनेगा शोध केंद्र
मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि यह अनुदान प्रदेश की उच्च शिक्षा में एक मील का पत्थर साबित होगा। सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश को देश का प्रमुख शोध केंद्र बनाया जाए, और यह अनुदान उस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार भविष्य में भी विश्वविद्यालयों को हर संभव सहायता प्रदान करती रहेगी ताकि वे शोध और नवाचार में उच्चतम मानकों को प्राप्त कर सकें।

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