UP News : दलहन-तिलहन की खेती में यूपी बनेगा आत्मनिर्भर, कार्य योजना तैयार, खर्च होंगे 236 करोड़

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Nov 29, 2024 16:47

दलहन और तिलहन की खेती में देश और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार का लगातार प्रयास जारी हैं। अगले कुछ वर्षों में प्रदेश दलहन एवं तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। इसके लिए सरकार के नेतृत्व में कृषि विभाग ने 2023-24 से 2026-27 तक की एक कार्य योजना तैयार की है।

Lucknow News : दलहन और तिलहन की खेती में देश और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार का लगातार प्रयास जारी हैं। अगले कुछ वर्षों में प्रदेश दलहन एवं तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। इसके लिए सरकार के नेतृत्व में कृषि विभाग ने 2023-24 से 2026-27 तक की एक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें करीब 236 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

योजना के तहत की जाएगी यह पहल
इस योजना के अंतर्गत दलहन और तिलहन की फसलों के बीज के मिनी किट का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इसके अलावा, प्रगतिशील किसानों के खेतों में प्रदर्शन (डेमो) और किसान पाठशालाओं के जरिए खेती के उन्नत तरीके सिखाए जाएंगे। इसके तहत उर्द, मूंग, अरहर, चना, मटर और मसूर जैसी दलहनी फसलें तथा तिल, मूंगफली, राई सरसों और अलसी जैसी तिलहनी फसलें शामिल हैं।



यूपी एग्रीज योजना का भी मिलेगा सहयोग
प्रदेश में दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यूपी एग्रीज योजना, जो विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त है, भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। झांसी और आसपास के क्षेत्रों में मूंगफली की खेती को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर विकास की योजना बनाई जा रही है।

किसान सीखेंगे उन्नत खेती के तरीके
सरकार ने 2022 में दलहन और तिलहन की खेती में आत्मनिर्भरता के लिए ठोस योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह काम शुरू हुआ। किसान अब प्रगतिशील किसानों के खेतों में जाकर उन्नत खेती के तरीकों को सीखेंगे। इसके अलावा, विशेषज्ञ किसानों द्वारा खेत की तैयारी, बोआई, फसल संरक्षण और भंडारण के उपायों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उत्पादन मौजूदा स्थिति से कम
प्रदेश में खाद्य तेलों और दलहन की आवश्यकता के मुकाबले उत्पादन क्रमशः 30-35% और 40-45% है। जब भी इन फसलों की मांग और आपूर्ति में असंतुलन होता है, तो इससे कीमतों में वृद्धि हो जाती है। आत्मनिर्भरता हासिल होने के बाद यह समस्या हल हो जाएगी, और मांग और आपूर्ति में संतुलन बन सकेगा।

केंद्र से मिल रही है भरपूर मदद
उत्तर प्रदेश की कृषि नीति को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यहां की मांग और आपूर्ति का असर देशभर के बाजारों पर पड़ता है। केंद्र सरकार ने हाल ही में इन फसलों के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें विभिन्न राज्यों के किसानों से करार किया गया है। इस योजना के सफल होने पर इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा।

बुंदेलखंड पर खास ध्यान
प्रदेश सरकार दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके तहत, केंद्र सरकार द्वारा "एक जिला, एक उत्पाद" योजना के तहत चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर और सोनभद्र जिलों को चने की फसल के लिए चुना गया है। इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनकर किसानों की आय में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

Also Read