यूपी में फॉरेन इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के लिए एफडीआई पॉलिसी में बदलाव : कैबिनेट बैठक में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Nov 04, 2024 16:08

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में विदेशी निवेश और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दी गई।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में विदेशी निवेश और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इस बदलाव के साथ अब विदेशी कंपनियां इक्विटी के अलावा ऋण या अन्य स्रोतों के जरिए भी प्रदेश में निवेश कर सकेंगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में विदेशी निवेश में वृद्धि होगी।

एफडीआई नीति में किया गया बदलाव  
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 1 नवंबर 2023 को जारी एफडीआई नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब इस नीति में सौ करोड़ रुपये के न्यूनतम निवेश की सीमा तय की गई है। जहां पहले केवल इक्विटी में किए गए निवेश को एफडीआई माना जाता था, वहीं अब इसमें विदेशी पूंजी निवेश का भी समावेश किया गया है। उन्होंने कहा कि कई कंपनियां अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए ऋण और अन्य माध्यमों से भी फंड जुटाती हैं, जिन्हें अब इस नीति के तहत शामिल किया गया है। यदि किसी कंपनी के पास केवल 10 प्रतिशत इक्विटी है और शेष 90 प्रतिशत निवेश अन्य स्रोतों से प्राप्त है, तो उसे भी इस नीति के तहत लाभ मिलेगा।



100 करोड़ रुपये के निवेश को माना जाएगा पात्र
अब इस नीति को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट एंड फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एंड फॉर्च्यून इंडिया पांच सौ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 नाम दिया गया है। इसके तहत विदेशी कंपनियों द्वारा प्रिफरेंश शेयर, डिबेंचर, एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, स्टैंडबाई लैटर ऑफ क्रेडिट, गारंटी पत्र और अन्य ऋण साधनों से जुटाई गई पूंजी को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा, आरबीआई के द्वारा अनुमोदित अन्य वित्तीय स्रोतों से जुटाए गए 100 करोड़ रुपये के निवेश को पात्र माना जाएगा।

रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 में संशोधन 
सरकार ने साथ ही उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 में भी संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए हो जाती है और उसने नॉमिनी नामांकित नहीं किया है, तो उसके ग्रेच्युटी का भुगतान उस व्यक्ति को किया जा सकेगा जिसके पक्ष में न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया हो। पहले की व्यवस्था के तहत ऐसी स्थिति में ग्रेच्युटी की राशि सरकार को वापस चली जाती थी।

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