कटेहरी और कुंदरकी के मतदाताओं ने कमल खिलाकर दिया बड़ा संदेश : सीएम योगी ने लोकसभा चुनाव परिणाम से ऐसे लिया सबक

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ उपचुनाव के नतीजों के बाद भाजपा कार्यालय में जश्न मनाते हुए

Nov 23, 2024 21:08

कटेहरी और कुंदरकी विधानसभा उपचुनावों में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। दशकों बाद कटेहरी में कमल खिला और कुंदरकी में भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की। कुंदरकी सीट पर भाजपा के रामवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मो. रिजवान को 1,44,791 वोटों के भारी अंतर से हराया। रामवीर को कुल 1,70,371 मत मिले, जो कि 76 प्रतिशत से अधिक मत प्रतिशत है। सपा को केवल 11.52 प्रतिशत वोट मिल सके।

Lucknow News : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे, तो यूपी में खराब प्रदर्शन की टीस उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। इसके बाद ही यूपी में उपचुनाव की बुनियाद तैयार हो गई थी, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी पहले से काम करना शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन के बाद उसके और ज्यादा आक्रामक होने से उसे जनता का साथ मिलेगा। साथ ही सीएम योगी बैकफुट में जाने को मजबूर होंगे। लेकिन, इसके उलट सीएम योगी ने 'बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे' जैसे शब्दबाण से अपनी सोच जाहिर कर दी। सीएम योगी के नारों की न सिर्फ यूपी उपचुनाव बल्कि पूरे देश में चर्चा हुई। विपक्ष को उम्मीद थी कि इसके बाद वह मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने में सफल होगा। लेकिन, नतीजे उसकी सोच के पूरी तरह उलट निकले।

लोकसभा चुनाव के बाद से ही शुरू की तैयारी, सपा का दांव इस वजह से पड़ा फीका 
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव को लेकर रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार के स्तर पर जहां संबंधित जनपदों पर विशेष फोकस किया, जिससे सरकारी योजनाओं के जरिए इन नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया जा सके। वहीं संगठन के स्तर पर भी धरातल पर रणनीति को अंजाम दिया गया। भाजपा ने इस पर टिकट वितरण में भी सावधानी बरती। नेताओं के बीच आपसी तालमेल और मनमुटाव को लेकर खास सतर्कता बरती गई। प्रत्याशियों के चयन के लिए नामों का पैनल विभिन्न स्तर पर फीडबैक मिलने के बाद तैयार किया गया, जिससे गलती की गुंजाइश बेहद कम हो गई। सबसे अहम बात लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से विपक्ष संविधान बदलने सहित खटाखट जैसे मुद्दों के जरिए माहौल बनाने में सफल रहा, इस बार भाजपा ने उसका ऐसा दांव सफल नहीं होने दिया। उपचुनाव में टिकट को लेकर स्थानीय स्तर पर भाजपा नेताओं में असंतोष भी नहीं देखने को मिला, जबकि इससे उलट सपा में स्थानीय नेताओं की महत्वकांक्षाएं हावी रहीं। पार्टी ने पोस्टर वॉर के जरिए माहौल बनाने की कोशिश की। अखिलेश यादव ने भरसक प्रयास किया। लेकिन, कोशिश अधूरी रह गई।

कुंदरकी में रामवीर सिंह की ऐतिहासिक जीत
इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि कटेहरी और कुंदरकी विधानसभा उपचुनावों में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। दशकों बाद कटेहरी में कमल खिला और कुंदरकी में भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की। कुंदरकी सीट पर भाजपा के रामवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मो. रिजवान को 1,44,791 वोटों के भारी अंतर से हराया। रामवीर को कुल 1,70,371 मत मिले, जो कि 76 प्रतिशत से अधिक मत प्रतिशत है। सपा को केवल 11.52 प्रतिशत वोट मिल सके। यह जीत भाजपा के लिए न केवल एक सीट की विजय थी बल्कि विकास की नीति पर जनता का विश्वास भी दिखाती है।



कटेहरी में तीन दशक बाद 'धर्म' का 'राज'
कटेहरी सीट पर भाजपा के धर्मराज निषाद ने सपा उम्मीदवार शोभावती वर्मा को 34,514 वोटों से हराया। यह सीट 1991 के बाद पहली बार भाजपा के खाते में आई। धर्मराज निषाद को 45.57 प्रतिशत वोट मिले, जबकि सपा उम्मीदवार 30.46 प्रतिशत वोट हासिल कर सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां कई रैलियों को संबोधित कर विकास की योजनाओं को जनता के सामने रखा।

2022 और 2024 का अंतर: सपा के लिए बड़ा झटका
2022 के विधानसभा चुनाव में कटेहरी और कुंदरकी, दोनों सीटें सपा के कब्जे में थीं। कटेहरी में सपा ने 92,808 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। कुंदरकी में सपा उम्मीदवार जिया उर रहमान को 1,25,792 वोट मिले थे। लेकिन 2024 के उपचुनावों में भाजपा ने न केवल इन सीटों पर जीत दर्ज की, बल्कि सपा को तीसरे और चौथे पायदान पर धकेल दिया।

कुंदरकी में भाजपा की रणनीति और जनता का भरोसा
कुंदरकी में भाजपा की रणनीति पूरी तरह सफल रही। रामवीर सिंह ने जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझा और समाधान का भरोसा दिलाया। यह भरोसा मतों में बदलकर भाजपा के पक्ष में आया।

कटेहरी में धर्मराज निषाद ने किया कमाल
धर्मराज निषाद की जीत भाजपा की विकासशील नीतियों का प्रमाण है। उन्होंने स्थानीय मुद्दों और जनहित के कार्यों को चुनावी मुद्दा बनाकर जनता का दिल जीता।

मझवां, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर व मीरापुर में भी योगी ने बनाया माहौल
इसी तरह मझवां, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर के साथ ही मीरापुर में भी रैलियों से चल रही सीएम योगी माहौल बनाने में सफल रहे। मीरापुर में रालोद ने जीत हासिल की। मझवां में विनोद बिंद, फूलपुर से प्रवीण पटेल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, खैर से अनूप प्रधान वाल्मीकि व मीरापुर से चंदन चौहान के सांसद चुने जाने के उपरांत यहां उपचुनाव कराए गए। इन सीटों को बरकरार रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अन्य सीटों पर जीत हासिल की।

सपा के गढ़ करहल के साथ सीसामऊ में जीत का अंतर काफी कम
इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के घर करहल में भी सपा की जीत का अंतर काफी कम हुआ। 2022 आमचुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव ने यहां 67504 वोटों से जीत हासिल की थी, जो 2024 उपचुनाव में घटकर महज 14725 वोट पहुंच गई। तेज प्रताप यादव को यहां से 104304 वोट मिले। भाजपा के अनुजेश यादव ने 89579 वोट प्राप्त किया। वहीं सीसामऊ में 2022 में सपा के इरफान सोलंकी ने 12266 वोटों से जीत हासिल की। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 69714 वोट पाकर 8564 वोट से जीत दर्ज की। यहां से भाजपा के सुरेश अवस्थी को 61150 वोट मिले। 

सात सीटों पर जीत व अंतर
  • कुंदरकी- रामवीर सिंह ठाकुर
  • गाजियाबाद- संजीव शर्मा- 96946 (69351 से विजयी) 
  • फूलपुर- दीपक पटेल- 78289 (11305 से विजयी) 
  • मझवां- सुचिस्मिता मौर्या- 77737 (4922 से विजयी) 
  • कटेहरी- धर्मराज निषाद- 104091 (34514 से विजयी) 
  • खैर- सुरेंद्र दिलेर – 100181 (38393 से विजयी) 
  • मीरापुर- मिथिलेश पाल (रालोद)- 84304 (30796 से विजयी)

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