विश्व हृदय दिवस : बच्चों को किस वजह से हो रहा हार्ट अटैक, विशेषज्ञ ने बताया- कैसे रखें अपने दिल का ख्याल 

UPT | एसजीपीजीआई के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र तिवारी।

Sep 29, 2024 16:54

खराब जीवनशैली, तनाव और नशा युवाओं में दिल की समस्याओं का कारण बन रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को अपनी हार्ट हेल्थ को लेकर गंभीरता से ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। 

Lucknow News : बदलती जीवनशैली और खानपान में बदलाव के कारण दिल की सेहत बिगड़ रही है। वर्तमान में अन्य बीमारियों से ज्यादा हार्ट की समस्या देखने को मिल रही है। खासकर युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। छोटे बच्चों में भी हार्ट अटैक केस देखने को मिल रहे हैं। जिम करते, खेलते, नाचते-गाते या कुर्सी पर बैठे-बैठे अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों ने लोगों को डरा दिया है। इस समस्या को लेकर डॉक्टर भी हैरान हैं। खराब जीवनशैली, तनाव और नशा युवाओं में दिल की समस्याओं का कारण बन रहा है। 18 से 40 साल के लोगों में हार्ट अटैक के मामले सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं, जोकि लगभग 70 प्रतिशत हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को अपनी हार्ट हेल्थ को लेकर गंभीरता से ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। 

कोविड-19 के बाद से ट्रेंड बदला
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि अमूमन यह बीमारी 65 वर्ष और उससे अधिक के उम्र को लोगों को होती है। कोविड के बाद से कम उम्र के लोगों को भी हृदय रोग हो रहा है। उन्होंने बताया कि आज के युवाओं में बीड़ी, सिगरेट और अन्य नशों का सेवन तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही उनकी दिनचर्या में भी बड़े बदलाव आ रहे हैं, जो हार्ट अटैक का प्रमुख कारण बन रहे हैं। इसके अलावा मधुमेह, ब्लड प्रेशर और तनाव भी इसके मुख्य कारण हैं। खासतौर से कुछ कारण अनुवांशिक होते हैं। जिनमें फास्ट फूड कल्चर, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च लिपोप्रोटीन, ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में मौजूद वसा) का स्तर बढ़ना भी हृदय रोग की समस्याएं उत्पन्न करते हैं। शुरुआती स्टेज में इन लक्षणों की पहचान कर नियमित इलाज किया जाए तो हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। 



छोटे बच्चों में हार्ट अटैक की वजह
डॉ सत्येंद्र सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि छोटे बच्चों और कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहें हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों में हार्ट की समस्याएं ज्यादातर पैदायशी होती हैं। जन्म के समय दिल से संबंधित कोई समस्या होने पर उसका समुचित इलाज कराना चाहिए। जिससे उम्र बढ़ने पर दिल की गंभीर बीमारी और हार्ट अटैक से बचा जा सके। इसके अलावा बच्चों में हार्ट डिजीज के बढ़ने का बड़ा कारण बढ़ता मोटापा भी है, जो दिल की बीमारियां बढ़ा रहा है। आजकल बच्चे बाहर खेलना कम कर रहे हैं। जिससे उसमें मानसिक तनाव बढ़ रहा है जिससे कम उम्र में बीपी बढ़ने की समस्या होने लगी है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है।

स्टेंट से घबरने की जरुरत नहीं
डॉ सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि हार्ट ब्लॉकेज को दूर करने के लिए स्टेंट का उपयोग होता है। यहां हार्ट अटैक की समस्या में गंभीर स्थिति में लाभकारी होते हैं। स्टेंट मरीज की स्थिति और बीमारी के इतिहास समेत कई अन्य चीजों को ध्यान में रखकर लगाया जाता है। अलग-अलग मरीजों में स्टेंट की जरूरत का कारण अलग-अलग हो सकता है। इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। 

युवाओं को दी सलाह
डॉ तिवारी ने बताया कि युवा अपने जीवन शैली को नियमित करें। सेहतमंद और पौष्टिक भोजन खाएं। डाइट में खासतौर से फल, सब्जियां, साबुत अनाज शामिल होने चाहिए। तनाव से बचने के लिए नियमित व्यायाम करें। वजन कंट्रोल करने के साथ धूम्रपान न करें। ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होने पर उसका इलाज कराएं।

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