योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई : यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन और औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर को पद से हटाया 

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ।

Dec 14, 2024 19:55

यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर पर लखनऊ बेंच ने हाईकोर्ट में कड़ी टिप्पणियां की हैं। यमुना अथॉरिटी में भूखंड आवंटन, रद्दीकरण और बहाली के मामलों में हो रही अनियमितताओं पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने सोमवार तक आदेश का पालन नहीं किया, तो सीबीआई जांच शुरू की जा सकती है।

Lucknow/Noida News : यमुना अथॉरिटी में अनियमितता के मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर को उनके पद से हटा दिया है। यमुना ऑथरिटी में बिल्डर्स के प्रोजेक्ट में घपलेबाजी की शिकायतों को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाराजगी जताई थी। साथ ही सीबीआई जांच कराने की बात कही थी। जिसके बाद योगी सरकार ने आईएएस अनिल सागर को वेटिंग में डाला दिया है। सोमवार को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होनी है।

हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर पर लखनऊ बेंच ने हाईकोर्ट में कड़ी टिप्पणियां की हैं। यमुना अथॉरिटी में भूखंड आवंटन, रद्दीकरण और बहाली के मामलों में हो रही अनियमितताओं पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार ने सोमवार तक आदेश का पालन नहीं किया, तो सीबीआई जांच शुरू की जा सकती है।

सीबीआई जांच की चेतावनी
हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव अनिल सागर पर स्पष्ट टिप्पणी की और कहा कि यदि सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला सीबीआई को सौंपा जा सकता है। जस्टिस पंकज भाटिया ने कहा, “यदि सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया, तो सीबीआई जांच की कार्रवाई शुरू की जाएगी।” न्यायालय ने यह भी कहा कि अनिल सागर के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।

मनमाने फैसलों का आरोप
इस मामले में याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि यमुना अथॉरिटी में बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में अनियमितताएं की गईं। अनिल सागर पर आरोप है कि उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स को बिना स्पष्ट कारण के रद्द कर दिया और कुछ प्रोजेक्ट्स को मनमाने तरीके से मंजूरी दे दी। इस बीच, यह भी सामने आया कि उन्होंने समान प्रकृति के मामलों में एक ही दिन में भिन्न-भिन्न फैसले लिए, जिससे पारदर्शिता की कमी का संकेत मिलता है।

हाईकोर्ट की सख्ती
हाईकोर्ट ने पर्सनल एफिडेविट और प्रस्तुत फाइलों में अनियमितताएं पकड़ने के बाद इस मामले को गंभीरता से लिया। अदालत ने यह भी कहा कि यदि सरकार ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की, तो जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी। कोर्ट ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

यमुना अथॉरिटी में घोटाले के आरोप
यमुना अथॉरिटी के खिलाफ पहले भी भूमि आवंटन और परियोजनाओं में अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं। इस बार अदालत ने सीधे तौर पर अनिल सागर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जिससे सरकार और यमुना अथॉरिटी के खिलाफ बढ़ती आलोचनाओं को और बल मिला है।

अगली सुनवाई पर नजर
इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी, जहां सरकार को अपना पक्ष अदालत में प्रस्तुत करना होगा। अदालत ने साफ निर्देश दिए हैं कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए, अन्यथा इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या अनिल सागर के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है। 

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