बादलपुर में हुआ बड़ा घोटाला : मायावती के शासनकाल में भूमि पट्टे और मुआवजा वितरण में अनियमितता, मुख्यमंत्री योगी ने शुरू कराई जांच

UPT | मायावती

Nov 20, 2024 13:21

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती के गांव बादलपुर में भूमि पट्टे और मुआवजा वितरण में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं।

Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती के गांव बादलपुर में भूमि पट्टे और मुआवजा वितरण में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था, जब बादलपुर गांव में कुछ खसरा नंबरों पर फर्जी तरीके से भूमि पट्टे वितरित किए गए थे और मुआवजा भी गलत तरीके से लिया गया था। 

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फर्जी तरीके से दिए गए पट्टों का आरोप
समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यालय में इस मामले की शिकायत की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बादलपुर गांव की खसरा संख्या 792, 754, 773, और 788 की जमीन पर उन लोगों को पट्टे बांटे गए जो इसके पात्र नहीं थे। इनमें सरकारी कर्मचारी और पहले से जमीन के मालिक शामिल थे। आरोप है कि तत्कालीन दादरी तहसील के एसडीएम और तहसीलदार ने मिलीभगत से नियमों का उल्लंघन करते हुए इन जमीनों के पट्टे कर दिए थे। इसके बाद इन व्यक्तियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से इन जमीनों का मुआवजा भी उठाया।



मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को जांच के निर्देश दिए। इसके बाद दादरी तहसील के एसडीएम ने इस मामले की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन किया। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि जिन लोगों को पट्टे दिए गए थे, वे सरकारी नौकरी में थे और उनके नाम पर अन्य जमीनें भी थीं। बावजूद इसके, उन्होंने सरकारी जमीन पर अपना दावा जताया और मुआवजा लिया।

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विशेष जांच समिति गठित
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी जमीन के पट्टे केवल उन लोगों को दिए जा सकते हैं, जिनके पास अपनी कोई भूमि नहीं हो और जो सरकारी नौकरी में न हों। इस मामले में नियमों का खुला उल्लंघन हुआ है। जांच के बाद बादलपुर में हलचल तेज हो गई है। यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी गर्मा गया है, क्योंकि इसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं की भूमिका पर सवाल उठ सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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