ट्रेड शो में लगा उच्च शिक्षा विभाग का स्टॉल : एजुकेशन पॉलिसी के क्रियान्वयन और क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार का हो रहा प्रदर्शन

UPT | ट्रेड शो में लगा उच्च शिक्षा विभाग का स्टॉल

Sep 27, 2024 13:52

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) के द्वितीय संस्करण में उच्च शिक्षा विभाग ने भी अपना स्टॉल लगाया है। इस स्टॉल के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे अभिनव प्रयासों और उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया है।

Short Highlights
  • आकर्षित कर रही उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 
  • एनईपी के क्रियान्वयन का वर्णन 
  • क्षेत्रीय भाषाओं को दिया जा रहा बढ़ावा
Noida News : ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) के द्वितीय संस्करण में उच्च शिक्षा विभाग ने भी अपना स्टॉल लगाया है। इस स्टॉल के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे अभिनव प्रयासों और उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया है। यहां नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी 2020) के क्रियान्वयन, शिक्षा में आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) के उपयोग, क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार और भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को उच्च शिक्षा में एकीकृत करने जैसी उपलब्धियों को प्रमुखता से दर्शाया गया। इसके साथ ही, निजी क्षेत्र से विश्वविद्यालय और कॉलेज स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों और निवेशकों की रुचि का भी वर्णन किया गया है।

आकर्षित कर रही उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 
इंटरनेशनल ट्रेड शो में उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण कार्यों को प्रदर्शित किया। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के निर्देशन में इस स्टॉल की अवधारणा रखी गई और डिजाइन किया गया है, जबकि प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने स्टॉल की मॉनीटरिंग की और सुधार के लिए अपने सुझाव दिए। इस मेले में विभाग का स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जहां उच्च शिक्षा की विभिन्न विशेषताओं को प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके तहत, उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति के विषय में भी जानकारी दी जा रही है। राज्य की प्रस्तावित उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले निजी और विदेशी विश्वविद्यालयों को आकर्षित करना है। इसके तहत स्टाम्प शुल्क छूट, पूंजी सब्सिडी और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के लिए वित्तीय प्रोत्साहन जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।



एनईपी के क्रियान्वयन का वर्णन 
इसके अतिरिक्त नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी 2020) के क्रियान्वयन को भी विस्तार से प्रचारित किया गया है। उत्तर प्रदेश में सभी पाठ्यक्रमों में एनईपी 2020 को लागू किया गया है, सिवाय उन पाठ्यक्रमों के जिन्हें नियामक निकायों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसमें त्वरित डिग्री पूरा करने के विकल्प, चार-वर्षीय स्नातक कार्यक्रम की शुरुआत, बहुविषयकता और निरंतर आंतरिक मूल्यांकन (सीआईई) शामिल हैं। इसी के साथ, शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के विषय में भी जानकारी दी गई है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश ने शिक्षा में तकनीकी प्रगति की है। छात्रों को टैबलेट और मोबाइल डिवाइस वितरित किए गए हैं और प्रयागराज में ऑनलाइन शिक्षा के लिए ई-स्टूडियो की स्थापना की गई है। यही नहीं, 4.1 मिलियन से अधिक छात्र अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) में पंजीकृत हैं और समर्थ-ईआरपी प्रणाली का कार्यान्वयन राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में किया गया है।

क्षेत्रीय भाषाओं को दिया जा रहा बढ़ावा  
इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की उपलब्धि को भी रेखांकित किया गया है। उत्तर प्रदेश में एनईपी के अनुसार क्षेत्रीय भाषाओं को उच्च शिक्षा में प्राथमिकता दी जा रही है। सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में भाषा केंद्रों की स्थापना की गई है और स्थानीय भाषाओं में ई-सामग्री विकसित की जा रही है, ताकि शिक्षा अधिक सुलभ हो सके। इसी प्रकार भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) का भी प्रचार किया गया। इसमें प्रत्येक विषय की पहली इकाई में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल किया गया है, जिससे छात्रों को भारत की पारंपरिक कला, संस्कृति और ज्ञान से जोड़ा जा सके।

Also Read