Ghaziabad News : वैशाली में 16000 वर्ग मीटर जमीन पर जीडीए विकसित करेगा नई योजनाएं

UPT | GDA Ghaziabad

Dec 06, 2024 09:13

सर्वे के बाद लैंड बैंक तैयार किया जाएगा और भूखंडों को योजितकर बेचने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि वैशाली योजना में 16000 वर्ग मीटर जमीन मिली

Short Highlights
  • जीडीए ने शुरू कराया खाली पड़ी भूमि का सर्वे
  • जीडीए की जमीन पर कब्जा कर उगाई जा रही थी सब्जियां
  • जीडीए अ​फसरों की लापरवाही से बेशकीमती जमीन निष्प्रयोज्य 
Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की वैशाली योजना में बेशकीमती जमीन निष्प्रयोज्य पाई गई है। जीडीए ने करी 16000 वर्ग मीटर जमीन को खोज निकाला है। जो कि बेकार पड़ी हुई थी और इस जमीन पर कहीं पर सब्जियों की खेती हो रही थी तो कहीं कूडा डाला जा रहा था। कुछ जमीन पर लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर कब्जा किए हुए थे।

80 के दशक में जीडीए ने अपनी वैशाली योजना को लांच किया
बता दें 80 के दशक में जीडीए ने अपनी वैशाली योजना को लांच किया था।  तत्कालीन अफसरों और कर्मचारियों की लापरवाही से करीब 16000 वर्ग मीटर जमीन बेकार छोड़ दी गई थी। इस जमीन पर ना तो अधिकारियों ने ध्यान दिया और ना कर्मचारियों ने ही। अब किए गए सर्वे में करोड़ों रुपये की ये बेशकीमती जमीन अनियोजित पाई गई है।

अनियोजित जमीन 16000 वर्ग मीटर में है
अनियोजित जमीन 16000 वर्ग मीटर में है। नियोजित नहीं होने से यह बेशकीमती जमीन निष्प्रयोज्य पड़ी थी। करोड़ों की जमीन मिलने के बाद अब जीडीए ने नए सिरे से योजना का पूरी तरह से टोटल सर्वे शुरू करवाया तो कहीं खाली पड़ी जमीनों पर कूड़ाघर बना था। कहीं सब्जियों की खेती हो रही थी। सर्वे के बाद अब ऐसी अनियोजित जमीनों को नियोजित कर जीडीए नई योजनाएं विकसित करेगा।

वैशाली योजना में बहुमंजिला सोसायटियां बनाई गई
1989 में 1234 एकड़ में जीडीए ने वैशाली योजना लांच की थी। वैशाली योजना में बहुमंजिला सोसायटियां बनाई गई हैं। इस योजना में ग्रुप हाउसिंग, व्यावसायिक भूखंड और एमआईजी, मिनी एमआईजी, एलआईजी और ई-डब्ल्यूएस भवन बनाए गए हैं। वैशाली योजना में वर्तमान में एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तक जमीन के दाम पहुंच गए हैं।

सन 2000 के बाद कई ग्रुप हाउसिंग सोसायटियां बनाई गईं
योजना के लांच होने के बाद सन 2000 के बाद कई ग्रुप हाउसिंग सोसायटियां बनाई गईं। इस योजना में अधिकांश सोसायटियों के नाम नदियों के नाम पर रखे गए हैं। दिल्ली के नजदीक होने की वजह से वैशाली में बहुत तेजी से आबादी की बसावट हुई। योजना में कई भूखंड ऐसे खाली पड़े हुए हैं जिन पर जीडीए की ओर से योजना बनाई गई, लेकिन उसे विकसित नहीं किया गया।

34 साल बाद भी कोई काम नहीं किया गया
वैशाली सेक्टर दो, तीन में कई भूखंड ऐसे हैं जिन पर 34 साल बाद भी कोई काम नहीं किया गया है। अब जीडीए इन जमीनों का नए सिरे से ले-आउट प्लान तैयार कर योजनाओं के लिए विकसित करेगा। सर्वे के बाद लैंड बैंक तैयार किया जाएगा और भूखंडों को योजितकर बेचने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि वैशाली योजना में 16000 वर्ग मीटर जमीन मिली है। इस जमीन की चहारदीवरी कराकर इसे नियोजित किया जाएगा। पूरी योजना का सर्वे कराया जा रहा है। लैंड ऑडिट के बाद जमीन अनियोजित और अनावंटित मिलेगी। उसे नियोजित कर विकसित कराया जाएगा। इससे निवेशकों को जहां फायदा होगा वहीं, जीडीए को इससे करोड़ों की आय होगी।

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