Meerut News : महिला वैज्ञानिक को मानव तस्करी में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 8.30 लाख

UPT | Meerut Crime News

Dec 13, 2024 09:51

जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उनको फ्रीज के लिए बैंक को रिपोर्ट भेज दी गई है। एसपी क्राइम अवनीश कुमार बताते हैं कि पुलिस या सीबीआई किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है

Short Highlights
  • महिला वैज्ञानिक को 24 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट
  • मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर ठगी
  • महिला वैज्ञानिक ने दर्ज कराई साइबर थाने में रिपोर्ट 
Meerut News : मेरठ में साइबर ठगों ने महिला वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे लाखों की ठगी की है। भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. निशा वर्मा को 24 घंटे घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा। महिला वैज्ञानिक को मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी दी। महिला वैज्ञानिक से 8.30 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।

साइबर अपराधियों की तलाश शुरू की
पुलिस ने पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज कर साइबर अपराधियों की तलाश शुरू की है। पल्लवपुरम फेस-2 निवासी डॉ. निशा वर्मा मोदीपुरम स्थित भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक हैं। निशा वर्मा द्वारा दर्ज कराई शिकायत में उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को उनके पास एक कॉल आई।

महिला ने कहा वह टेलीकॉम डिपार्टमेंट में अधिकारी
कॉल किसी महिला का था। महिला ने कहा वह टेलीकॉम डिपार्टमेंट में अधिकारी हैं। महिला ने कहा कि आपके नंबर से गलत गतिविधियां हो रही हैं। आपका नंबर दो घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा। निशा वर्मा ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है तो महिला ने कहा कि एचडीएफसी बैंक में आपके नाम से गलत गतिविधियां हुई हैं।

कॉल साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में ट्रांसफर कर रही हूं
मैं आपका कॉल साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में ट्रांसफर कर रही हूं। वहां से आप पूरा क्लीरियंस ले लीजिए। उसके बाद आपका मोबाइल ऑन हो पाएगा। इसके बाद उनके मोबाइल पर वाट्सएप वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह साइबर क्राइम डिपार्टमेंट से है। 17 परिवारों के बच्चों का अपहरण हो गया। 

विभाग हो रहा बदनाम 
निशा वर्मा को कॉल करने वाले ने बताया कि आपका मोबाइल मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी में इस्तेमाल हो रहा है। 17 परिवारों के बच्चों का अपहरण हो गया है। हमारे डिपार्टमेंट पर सवाल उठ रहे हैं। हमें आपको वहां आकर गिरफ्तार करना पड़ेगा। अगर आप कहें तो आपको हम डिजिटल सर्विलांस में ले सकते हैं। निशा वर्मा इस पूरे वाकये से दहशत में आ गईं। उन्होंने कहा कि आप डिजिटल अरेस्ट ही कर लीजिए। 

किसी को बताया तो देख लेना, आपके बच्चा है 
इस बीच साइबर लुटेरे ने निशा वर्मा को धमकाया कि अगर डिजिटल सर्विलांस की बात किसी से बताई तो ध्यान रखना कि आपके घर में बच्चा भी है। बदमाशों को इसके बारे में पता चल गया तो पता नहीं वह आपके बच्चे के साथ कुछ गलत न कर दें। पूरे प्रकरण को गुप्त नहीं रखने पर 3 साल की जेल का ऑफिशियल लैटर बनाकर वाट्सएप किया। 24 घंटे तक मोबाइल ऑन रखने की बात कही। दूसरे दिन सुबह को एचडीएफसी बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार करने का सुबूत भी वाट्सएप पर भेजकर कहा कि जिस दुकान से सिम खरीदा गया था। उस दुकानदार को भी अरेस्ट कर लिया गया है। बैंक मैनेजर और दुकानदार की फोटो दिखाई।

साइबर अपराधी ने कहा कि ऑफिस से छुट्‌टी ले लो
निशा वर्मा को साइबर अपराधी ने कहा कि ऑफिस से छुट्‌टी ले लो। इसके बाद उसने दो लोगों से उनकी वीडियो कॉल पर बात कराई। कहा कि ये दोनों सीबीआई के अधिकारी हैं। वित्त मंत्रालय में जरूरी मीटिंग की बात कहकर कुछ देर बाद दोबारा कॉल करने को कहा। सैलरी अकाउंट के 99 फीसदी पैसे देने को कहा साइबर लुटेरे ने निशा वर्मा से कहा कि आपके सैलरी अकाउंट में जितने पैसे हैं, उसमें से 99 फीसदी हमारे खाते में जमा कर दें।

आरबीआई के सर्विलांस पर लगाया जाएगा
इस रकम को आरबीआई के सर्विलांस पर लगाया जाएगा। यदि आपका अपराधियों से कोई जुड़ाव नहीं मिलता है तो 2 घंटे में आपके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। इस पूरे वाकये से निशा वर्मा को लगा कि वे फंस जाएंगी। इसके बाद साइबर लुटेरा जैसा बोलता गया, ऐसा ही करती रहीं। 8.30 लाख रुपये उसके बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।

अकाउंट फ्रीज करने को भेजी रिपोर्ट 
एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उनको फ्रीज के लिए बैंक को रिपोर्ट भेज दी गई है। एसपी क्राइम अवनीश कुमार बताते हैं कि पुलिस या सीबीआई किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। ऐसी कॉल आने पर उस पर ध्यान न दें। फोन बंद करने के बाद अपने परिजनों और पुलिस को सूचना दें। एसपी क्राइम बताते हैं कि साइबर क्राइम से सिर्फ जागरूकता से ही बचा जा सकता है।

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