संभल में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई और सभी नमाज़ी नमाज़ अदा करके अपने घरों को लौट गए। इस दौरान, जिले की पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट थे...
Nov 29, 2024 16:17
संभल में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई और सभी नमाज़ी नमाज़ अदा करके अपने घरों को लौट गए। इस दौरान, जिले की पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट थे...
Sambhal News : संभल में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई और सभी नमाज़ी नमाज़ अदा करके अपने घरों को लौट गए। इस दौरान, जिले की पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट थे, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो। नमाज़ के बाद संभल के कमिश्नर ने कहा कि यह प्रशासन के लिए राहत की बात है कि समुदाय ने प्रशासन का पूरा सहयोग किया और नमाज़ शांतिपूर्वक संपन्न हुई।
सपा सांसद के पिता ने सर्वे को बताया गैर कानूनी
वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता ममलुकुर्रहमान बर्क जामा मस्जिद पहुंचे और एक हजार लोगों के साथ जुमे की नमाज पढ़ी। उन्होंने 19 तारीख को हुए सर्वे पर सवाल उठाया और इसे गैर कानूनी करार दिया। ममलुकुर्रहमान बर्क ने कहा कि यह सर्वे बिना अनुमति के किया गया, जिससे उनके समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
सपा सांसद ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान ने शुक्रवार को कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि उनका विश्वास था कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा और इस फैसले से वे बहुत खुश हैं। जियाउर्रहमान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि निचली अदालत तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेगी, जब तक हाईकोर्ट का फैसला नहीं आता और इसके लिए उन्होंने कोर्ट को बधाई दी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जबकि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं, वे पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार से संतुष्ट नहीं हैं।
संभल पत्थरबाजी की जांच को लेकर सपा की मांग
उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी ने संभल पत्थरबाजी घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक वर्तमान जज को जांच समिति में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार दबाव बना रही है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा जज के नेतृत्व में हो। जियाउर्रहमान ने यह भी कहा कि स्थान पूजास्थल अधिनियम का सही तरीके से पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने अजमेर दरगाह पर दायर याचिका का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि यह गलत है कि बाबर ने मंदिर को तोड़ा और वहां मस्जिद बनाई, क्योंकि वहां पहले से एक मस्जिद मौजूद थी।
8 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
गौरतलब है कि संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे रिपोर्ट को लेकर आज चंदौली जिला अदालत में होने वाली सुनवाई टल गई है। कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने इस संबंध में बड़ा बयान देते हुए कहा कि आज अदालत में सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में देरी हुई है और अब 8 जनवरी को इस मामले की अगली सुनवाई होगी, उस दिन ही सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। रमेश राघव के मुताबिक, हिंसा के कारण रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है और रिपोर्ट को पूरा करने के लिए 10 दिन का अतिरिक्त समय मांगा गया है।
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट
सूत्रों के अनुसार, सर्वे रिपोर्ट में मस्जिद के भीतर कई हिन्दू प्रतीक चिन्हों के मिलने का दावा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि मस्जिद में दो खंबे द्वारपाल शैली में बने हुए हैं। जिन पर कमल के फूल और अन्य चित्रकारी मौजूद है। साथ ही, मस्जिद के आंगन में एक बरगद का पेड़ पाया गया। जिसे मंदिर और आस्था का प्रतीक बताया गया। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि मस्जिद के भीतर 50 आले मिले हैं। जिनमें मूर्तियां रखी जाती थीं।
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